भारत का संविधान
अनुच्छेद ८६ :
सदनों में अभिभाषण का और उनको संदेश भेजने का राष्ट्रपति का अधिकार ।
१)राष्ट्रपति, संसद् के किसी एक सदन में या एक साथ समवेत दोनों सदनों में अभिभाषण कर सकेगा और इस प्रयोजन के लिए सदस्यों की उपस्थिति की अपेक्षा कर सकेगा ।
२)राष्ट्रपति, संसद् में उस समय लंबित किसी विधेयक के संबंध में संदेश या कोई अन्य संदेश, संसद् के किसी सदन को भेज सकेगा और जिस सदन को कोई संदेश इस प्रकार भेजा गया है वह सदन उस संदेश द्वारा विचार करने के लिए अपेक्षित विषय पर सुविधानुसार शीघ्रता से विचार करेगा ।