SCST Act 1989 अनुसूची : (धारा ३(२) (पाच-क)) देखे ।

अनुसूचित जाति और जनजाति अधिनियम १९८९ १.(अनुसूची : (धारा ३(२) (पाच-क)) देखे । भारतीय दंड संहिता के अधीन धारा अपराध का नाम और दंड १२०-क आपराधिक षड्यंत्र की परिभाषा । १२०-ख आपराधिक षड्यंत्र का दंड । १४१ विधिविरुद्ध जमाव । १४२ विधिविरुद्ध जमाव का सदस्य…

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SCST Act 1989 धारा २३ : नियम बनाने की शक्ति ।

अनुसूचित जाति और जनजाति अधिनियम १९८९ धारा २३ : नियम बनाने की शक्ति । १) केन्द्रीय सरकार, राजपत्र में अधिसूचना द्वारा, इस अधिनियम के प्रयोजनों को कार्यान्वित करने के लिए नियम बना सकेगी । २) इस अधिनिय के अधीन बनाया गया प्रत्येक नियम, बनाए जाने…

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SCST Act 1989 धारा २२ : सद्भावपूर्वक की गई कार्रवाई के लिए संरक्षण ।

अनुसूचित जाति और जनजाति अधिनियम १९८९ धारा २२ : सद्भावपूर्वक की गई कार्रवाई के लिए संरक्षण । इस अधिनियम के अधीन सद्भावपूर्वक की गई या की जाने के लिए आशयित किसी बात के लिए कोई भी वाद, अभियोजन या अन्य विधिक कार्यवाही केन्द्रीय सरकार के…

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SCST Act 1989 धारा २१ : अधिनियम का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करने का सरकार का कर्तव्य ।

अनुसूचित जाति और जनजाति अधिनियम १९८९ धारा २१ : अधिनियम का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करने का सरकार का कर्तव्य । १) राज्य सरकार, ऐसे नियमों के अधीन रहते हुए, जो केन्द्रीय सरकार इस निमित्त बनाए, इस अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए ऐसे उपाय करेगी…

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SCST Act 1989 धारा २० : अधिनियम का अन्य विधियों पर अध्यारोही होना ।

अनुसूचित जाति और जनजाति अधिनियम १९८९ धारा २० : अधिनियम का अन्य विधियों पर अध्यारोही होना । इस अधिनियम में जैसा अन्यथा उपबंधित है उसके सिवाय, इस अधिनियम के उपबंध, तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि या किसी रुढि या प्रथा या किसी अन्य विधि के…

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SCST Act 1989 धारा १९ : इस अधिनियम के अधीन अपराध के लिए दोषी व्यक्तियों को संहिता की धारा ३६० या अपराधी परिवीक्षा अधिनियम के उपबंध का लागू न होना ।

अनुसूचित जाति और जनजाति अधिनियम १९८९ धारा १९ : इस अधिनियम के अधीन अपराध के लिए दोषी व्यक्तियों को संहिता की धारा ३६० या अपराधी परिवीक्षा अधिनियम के उपबंध का लागू न होना । संहिता की धारा ३६० के उपबंध और अपराधी परिवीक्षा अधिनियम, १९५८…

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SCST Act 1989 धारा १८क : किसी जांच या अनुमोदन का आवश्यक न होना ।

अनुसूचित जाति और जनजाति अधिनियम १९८९ धारा १८क : १.(किसी जांच या अनुमोदन का आवश्यक न होना । १) इस अधिनियम के प्रयोजनों के लिए, - (a) क) किसी ऐसे व्यक्ति के विरुद्ध प्रथम इत्तिला रिपोर्ट के रजिस्ट्रीकरण के लिए किसी प्रारंभिक जांच की आवश्यकता…

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SCST Act 1989 धारा १८ : अधिनियम के अधीन अपराध करने वाले व्यक्तियों को संहिता की धारा ४३८ का लागू न होना ।

अनुसूचित जाति और जनजाति अधिनियम १९८९ धारा १८ : अधिनियम के अधीन अपराध करने वाले व्यक्तियों को संहिता की धारा ४३८ का लागू न होना । संहिता की धारा ४३८ की कोई बात इस अधिनियम के अधीन कोई अपराध करने के अभियोग पर किसी व्यक्ति…

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SCST Act 1989 धारा १७ : विधि और व्यसस्था तंत्र द्वारा निवारक कार्रवाई ।

अनुसूचित जाति और जनजाति अधिनियम १९८९ धारा १७ : विधि और व्यसस्था तंत्र द्वारा निवारक कार्रवाई । १) यदि जिला, मजिस्ट्रेट या उपखंड मजिस्ट्रेट या किसी अन्य कार्यपालक मजिस्ट्रेय या किसी पुलिस अधिकारी को, जो पुलिस उप-अधीक्षक की पंक्ति से नीचे का न हा, इत्तिला…

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SCST Act 1989 धारा १६ : राज्य सरकार की सामूहिक जुर्माना आधिरोपित करने की शक्ति ।

अनुसूचित जाति और जनजाति अधिनियम १९८९ अध्याय ५ : प्रकीर्ण : धारा १६ : राज्य सरकार की सामूहिक जुर्माना आधिरोपित करने की शक्ति । सिविल अधिकार संरक्षण अधिनियम, १९५५ (१९५५ का २२) की धारा १०-क के उपबंध, जहां तक हो सके, इस अधिनियम के अधीन…

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SCST Act 1989 धारा १५-क : पीडित और साक्षी के अधिकार ।

अनुसूचित जाति और जनजाति अधिनियम १९८९ १.(अध्याय ४-क : पीडित और साक्षी के अधिकार : धारा १५-क : पीडित और साक्षी के अधिकार । १) राज्य का, किसी प्रकार के अभित्रास, प्रपीडन या उत्प्रेरणा या qहसा या हिंसा की धमकियों के विरुद्ध पीडितों, उसके आश्रितों…

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SCST Act 1989 धारा १५ : विशेष लोक अभियोजक और अनन्य लोक अभियोजक ।

अनुसूचित जाति और जनजाति अधिनियम १९८९ धारा १५ : १.(विशेष लोक अभियोजक और अनन्य लोक अभियोजक । १) राज्य सरकार, प्रत्येक विशेष न्यायालय के लिए, राजपत्र में अधिसूचना द्वारा एक लोक अभियोजक विनिर्दिष्ट करेगी या किसी ऐसे अधिवक को, जिसने कम से कम सात वर्ष…

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SCST Act 1989 धारा १४-क : अपीलें ।

अनुसूचित जाति और जनजाति अधिनियम १९८९ धारा १४-क : १.(अपीलें । १) दंड प्रक्रिया संहिता १९७३ में किसी बात के होते हुए भी, किसी विशेष न्यायालय या किसी अनन्य विशेष न्यायालय के किसी निर्णय, दंडादेश या आदेश जो अंतवर्ती आदेश नहीं है, के विरुद्ध अपील…

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SCST Act 1989 धारा १४ : विशेष न्यायालय और अनन्य विशेष न्यायालय ।

अनुसूचित जाति और जनजाति अधिनियम १९८९ अध्याय ४ : विशेष न्यायालय : धारा १४ : १.(विशेष न्यायालय और अनन्य विशेष न्यायालय । १) शीघ्र विचारण का उपबंध करने के प्रयोजन के लिए, राज्य सरकार उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायमूर्ति की सहमति से, राजपत्र में अधिसूचना…

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SCST Act 1989 धारा १३ : धारा १० के अधीन के अननुपालन के लिए शास्ति ।

अनुसूचित जाति और जनजाति अधिनियम १९८९ धारा १३ : धारा १० के अधीन के अननुपालन के लिए शास्ति । व्यक्ति, जो धारा १० के अधीन किए गए विशेष न्यायालय के आदेश का उल्लंघन करेगा, कारावास से, जिसकी अवधि एक वर्ष तक की हो सकेगी, और…

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SCST Act 1989 धारा १२ : ऐसे व्यक्तियों के, जिनके विरुद्ध धारा १० के अधीन आदेश किया गया है, माप और फोटो आदि लेना ।

अनुसूचित जाति और जनजाति अधिनियम १९८९ धारा १२ : ऐसे व्यक्तियों के, जिनके विरुद्ध धारा १० के अधीन आदेश किया गया है, माप और फोटो आदि लेना । १) प्रत्येक ऐसा व्यक्ति, जिसके विरुद्ध धारा १० के अधीन आदेश किया गया है, विशेष न्यायालय द्वारा…

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SCST Act 1989 धारा ११ : किसी व्यक्ति द्वारा संबंधित क्षेत्र से हटने में असफल रहने और वहां से हटने के पश्चात् उसमें प्रवेश करने की दशा में प्रक्रिया ।

अनुसूचित जाति और जनजाति अधिनियम १९८९ धारा ११ : किसी व्यक्ति द्वारा संबंधित क्षेत्र से हटने में असफल रहने और वहां से हटने के पश्चात् उसमें प्रवेश करने की दशा में प्रक्रिया । १) यदि कोई व्यक्ति जिससे धारा १० के अधीन किसी क्षेत्र से…

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SCST Act 1989 धारा १० : ऐसे व्यक्ति को हटाया जाना जिसके द्वारा अपराध किए जाने की संभावना है ।

अनुसूचित जाति और जनजाति अधिनियम १९८९ अध्याय ३ : निष्कासन : धारा १० : ऐसे व्यक्ति को हटाया जाना जिसके द्वारा अपराध किए जाने की संभावना है । १) जहां विशेष न्यायालय का, परिवाद या पुलिस रिपोर्ट पर, यह समाधान हो जाताहै कि संभाव्यता है…

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SCST Act 1989 धारा ९ : शक्तियों का प्रदान किया जाना ।

अनुसूचित जाति और जनजाति अधिनियम १९८९ धारा ९ : शक्तियों का प्रदान किया जाना । १) संहिता में या इस अधिनियम के किसी अन्य उपबन्ध में किसी बात के होते हुए भी, यदि राज्य सरकार ऐसा करना आवश्यक या समीचीन समझती है, तो वह -…

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SCST Act 1989 धारा ८ : अपराधों के बारे में उपधारणा ।

अनुसूचित जाति और जनजाति अधिनियम १९८९ धारा ८ : अपराधों के बारे में उपधारणा । इस अध्याय के अधीन किसी अपराध के लिए अभियोजन में, यदि यह साबित हो जाता है कि- क) अभियुक्त ने इस अध्याय के अधीन अपराध करने के १.(अभियुक्त व्यक्ति द्वारा…

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