Pcma act धारा २१ : निरसन और व्यावृत्ति :

बालविवाह प्रतिषेध अधिनियम २००६ धारा २१ : निरसन और व्यावृत्ति : १) बाल-विवाह अवरोध अधिनियम, १९२९ (१९२९ का १९) इसके द्वारा निरसित किया जाता है । २)ऐसे निरसन के होते हुए भी, इस अधिनियम के प्रारंभ पर उक्त अधिनियम के अधीन लंबित या जारी सभी…

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Pcma act धारा २० : १९५५ के अधिनियम संख्यांक २५ का संशोधन :

बालविवाह प्रतिषेध अधिनियम २००६ धारा २० : १९५५ के अधिनियम संख्यांक २५ का संशोधन : हिन्दू विवाह अधिनियम, १९५५ की धारा १८ के खंड (क) के स्थान पर निम्नलिखित खंड रखा जाएगा, अर्थात् :- (a)क)धारा ५ के खंड (३) में विनिर्दिष्ट शर्त के उल्लंघन की…

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Pcma act धारा १९ : नियम बनाने की राज्य सरकार की शक्ति :

बालविवाह प्रतिषेध अधिनियम २००६ धारा १९ : नियम बनाने की राज्य सरकार की शक्ति : १)राज्य सरकार, इस अधिनियम के उपबंधों को कार्यान्वित करने के लिए नियम, राजपत्र में अधिसूचना द्वारा , बना सकेगी । २)इस अधिनियम के अधीन बनाया गया प्रत्येक नियम बनाए जाने…

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Pcma act धारा १८ : सभ्दावपूर्वक की गई कार्रवाई के लिए संरक्षण :

बालविवाह प्रतिषेध अधिनियम २००६ धारा १८ : सभ्दावपूर्वक की गई कार्रवाई के लिए संरक्षण : इस अधिनियम या तध्दीन बनाए गए किसी नियम या किए गए किसी आदेश के अनुसरण में सभ्दावपूर्वक की गर्स या किए जाने के लिए आशयित किसी बात के लिए कोई…

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Pcma act धारा १७ : बाल-विवाह प्रतिषेध अधिकारियों का लोक सेवक होना :

बालविवाह प्रतिषेध अधिनियम २००६ धारा १७ : बाल-विवाह प्रतिषेध अधिकारियों का लोक सेवक होना : बाल-विवाह अधिकारी भारतीय दण्ड संहिता (१८६० का ४५) की धारा २१ के अर्थान्तर्गत लोक सेवक समझे जाएंगे ।

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Pcma act धारा १६ : बालविवाह प्रतिषेध अधिकारी :

बालविवाह प्रतिषेध अधिनियम २००६ धारा १६ : बालविवाह प्रतिषेध अधिकारी : १) राज्य सरकार, राजपत्र में अधिसूचना द्वारा, संपूर्ण राज्य या उसके ऐसे भाग के लिए, जो उस अधिसूचना में विनिर्दिष्ट किया जाए, बाल-विवाह प्रतिषेध अधिकारी के नाम से ज्ञात, किसी अधिकारी या अधिकारियों की…

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Pcma act धारा १५ : अपराधों का संज्ञेय और अजमानतीय होना :

बालविवाह प्रतिषेध अधिनियम २००६ धारा १५ : अपराधों का संज्ञेय और अजमानतीय होना : दण्ड प्रक्रिया संहिता, १९७३ (१९७४ का २) में किसी बात के होते हुए भी, इस अधिनियम के अधीन दण्डनीय अपराध संज्ञेय और अजमानतीय होगा ।

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Pcma act धारा १४ : व्यादेशों के उल्लंघन में बाल-विवाहों का शुन्य होना :

बालविवाह प्रतिषेध अधिनियम २००६ धारा १४ : व्यादेशों के उल्लंघन में बाल-विवाहों का शुन्य होना : धारा १३ के अधीन जारी किए गए व्यादेशों के उल्लंघन में, चाहे वह अंतरिम हो या अंतिम, अनुष्ठापित किया गया कोई बाल-विवाह प्रारंभ से ही शुन्य होगा ।

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Pcma act धारा १३ : बाल-विवाहों को प्रतिषिध्द करने वाला व्यादेश जारी करने की न्यायालय की शक्ति :

बालविवाह प्रतिषेध अधिनियम २००६ धारा १३ : बाल-विवाहों को प्रतिषिध्द करने वाला व्यादेश जारी करने की न्यायालय की शक्ति : १) इस अधिनियम में किसी प्रतिकूल बात के होते हुए भी, यदि प्रथम वर्ग न्यायिक मजिस्ट्रेट या महानगर मजिस्ट्रेट का बाल-विवाह प्रतिषेध अधिकारी के आवेदन…

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Pcma act धारा १२ : कतिपय परिस्थितियों में किसी अवयस्क बालक के विवाह का शून्य होना :

बालविवाह प्रतिषेध अधिनियम २००६ धारा १२ : कतिपय परिस्थितियों में किसी अवयस्क बालक के विवाह का शून्य होना : जहां कोई बालक, जो अवयस्क है, विवाह के प्रयोजन के लिए, (a)क)विधिपूर्ण संरक्षक की देखरेख से बाहर लाया जाता है या आने के लिए फुसलाया जाता…

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Pcma act धारा ११ : बाल-विवाह के अनुष्ठान का संवर्धन करने या उसे अनुज्ञात करने के लिए दंड :

बालविवाह प्रतिषेध अधिनियम २००६ धारा ११ : बाल-विवाह के अनुष्ठान का संवर्धन करने या उसे अनुज्ञात करने के लिए दंड : १)जहां कोई बालक बाल-विवाह करेगा, वहां ऐसा कोई व्यक्ति जिसके भारसाधन में चाहे माता-पिता अथवा संरक्षक या किसी अन्य व्यक्ति के रूप में अथवा…

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Pcma act 2006 धारा १० : बाल-विवाह का अनुष्ठान करने के लिए दंड :

बालविवाह प्रतिषेध अधिनियम २००६ धारा १० : बाल-विवाह का अनुष्ठान करने के लिए दंड : जो कोई किसी बाल-विवाह को संपन्न करेगा, संचलित करेगा, या निदिष्ट करेगा, या दुष्प्रेरित करेगा, वह जब तक यह साबित न कर दे कि उसके पास यह विश्वास करने का…

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Pcma act धारा ९ : बाल-विवाह करने वाले पुरूष वयस्क के लिए दंड :

बालविवाह प्रतिषेध अधिनियम २००६ धारा ९ : बाल-विवाह करने वाले पुरूष वयस्क के लिए दंड : जो कोई, अठारह वर्ष से अधिक आयु का पुरूष वयस्क होते हुए, बाल-विवाह करेगा, वह, कठोर करावास से, जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से,…

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Pcma act धारा ८ : वह न्यायालय जिसमें अर्जी दी जानी चाहिए :

बालविवाह प्रतिषेध अधिनियम २००६ धारा ८ : वह न्यायालय जिसमें अर्जी दी जानी चाहिए : धारा ३, धारा ४ और धारा ५ के अधीन अनुतोष प्रदान करने के प्रयोजन के लिए अधिकारिता रखने वाले जिला न्यायालय में उस स्थान के ऊपर जहां प्रतिवादी या बालक…

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Pcma act धारा ७ : जिला न्यायालय की धारा ४ और धारा ५ के अधीन जारी किए गए आदेशों को उपांतरित करने की शक्ति :

बालविवाह प्रतिषेध अधिनियम २००६ धारा ७ : जिला न्यायालय की धारा ४ और धारा ५ के अधीन जारी किए गए आदेशों को उपांतरित करने की शक्ति : जिला न्यायालय को धारा ४ या धारा ५ के अधीन और यदि परिस्थितियों में कोई परिवर्तन है जो…

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Pcma act धारा ६ : बाल-विवाहों से जन्मे बालकों की धर्मजता :

बालविवाह प्रतिषेध अधिनियम २००६ धारा ६ : बाल-विवाहों से जन्मे बालकों की धर्मजता : इस बात के होते हुए भी बाल-विवाह धारा ३ के अधीन अकृतता की डिक्री द्वारा बातिल कर दिया गया है, डिक्री किए जाने के पूर्व ऐसे विवाह से जन्मा या गर्भाहित…

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Pcma act धारा ५ : बाल-विवाह से जन्मे बालकों का भरण-पोषण और अभिरक्षा :

बालविवाह प्रतिषेध अधिनियम २००६ धारा ५ : बाल-विवाह से जन्मे बालकों का भरण-पोषण और अभिरक्षा : १) जहां बाल-विवाह से जन्मे बालक हैं, वहां जिला न्यायालय ऐसे बालकों की अभिरक्षा के लिए समुचित आदेश करेगा । २)इस धारा के अधीन किसी बालक की अभिरक्षा के…

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Pcma act धारा ४ : बाल-विवाह के बंधन में आने वाली महिला पक्षकार के भरण-पोषण और निवास के लिए उपबंध :

बालविवाह प्रतिषेध अधिनियम २००६ धारा ४ : बाल-विवाह के बंधन में आने वाली महिला पक्षकार के भरण-पोषण और निवास के लिए उपबंध : १)धारा ३ के अधीन डिक्री प्रदान करते समय, जिला न्यायालय बाल-विवाह के बंधन में आने वाले पुरूष पक्षकार को और यदि ऐसे…

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Pcma act धारा ३ : बाल-विवाहों का, बंधन में आने वाले पक्षकार के, जो बालक है, विकल्प पर शुन्यकरणीय होना :

बालविवाह प्रतिषेध अधिनियम २००६ धारा ३ : बाल-विवाहों का, बंधन में आने वाले पक्षकार के, जो बालक है, विकल्प पर शुन्यकरणीय होना : १)प्रत्येक बाल-विवाह जो चाहे इस अधिनियम के प्रारंभ के पूर्व या पश्चात् अनुष्ठापित किया गया हो, विवाह बंधन में आने वाले ऐसे…

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Pcma act धारा २ : परिभाषाएं :

बालविवाह प्रतिषेध अधिनियम २००६ धारा २ : परिभाषाएं : इस अधिनियम में, जब तक कि संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो, - (a)क)बालक से ऐसा व्यक्ति अभिप्रेत है जिसने, यदि पुरूष है तो, इक्कीस वर्ष की आयु पूरी नहीं की है और यदि नारी है…

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