अनुसूचित जाति और जनजाति अधिनियम १९८९
धारा १८क :
१.(किसी जांच या अनुमोदन का आवश्यक न होना ।
१) इस अधिनियम के प्रयोजनों के लिए, –
(a) क) किसी ऐसे व्यक्ति के विरुद्ध प्रथम इत्तिला रिपोर्ट के रजिस्ट्रीकरण के लिए किसी प्रारंभिक जांच की आवश्यकता नहीं होगी; या
(b) ख) किसी ऐसे व्यक्ति की गिरफ्तारी, यदि आवश्यक हो, से पूर्व अन्वेषक अधिकारी को किसी अनुमोदन की आवश्यकता नहीं होगी,
जिसके विरुद्ध इस अधिनियम के अधीन अपराध के किए जाने का अभियोग लगाया गया है और अधिनियम या संहिता के अधीन उपबंधिथ प्रक्रिया से भिन्न कोई प्रक्रिया लागू नहीं होगी ।
२) किसी न्यायालय के किसी निर्णय या आदेश या निदेश के होते हुए भी संहिता की धारा ४३८ के उपबंध इस अधिनियम के अधीन किसी मामले को लागू नहीं होंगे ।)
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१. २०१८ के अधिनियम सं० २७ की धारा २ द्वारा (२०-८-२०१८ से) अन्त:स्थापित ।