Pwdva act 2005 धारा ३७ : केन्द्रीय सरकार की नियम बनाने की शक्ति :

घरेलू हिंसा अधिनियम २००५
धारा ३७ :
केन्द्रीय सरकार की नियम बनाने की शक्ति :
(१) केन्द्रीय सरकार, अधिसूचना द्वारा, इस अधिनियम के उपबंधों को कार्यान्वित करने के लिए नियम, बना सकेगी।
(२) विशिष्टतया और पूर्वगामी शक्ति की व्यापकता पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना ऐसे नियम निम्नलिखित सभी या किन्हीं विषयों के लिए उपबंध कर सकेंगे, अर्थात :-
(a)(क) वे अर्हताएं और अनुभव, जो धारा ८ की उपधारा (२) के अधीन किसी संरक्षण अधिकारी के पास होंगे;
(b)(ख) धारा ८ की उपधारा (३) के अधीन संरक्षण अधिकारियों और उसके अधीनस्थ अन्य अधिकारियों की सेवा के निबंधन और शर्ते;
(c)(ग) वह प्ररूप और रीति जिसमें धारा ९ की उपधारा (१) के खंड (ख) के अधीन कोई घरेलू घटना रिपोर्ट बनाई जा सकेगी।
(d)(घ) वह प्ररूप और रीति जिसमें, धारा ९ की उपधारा (१) के खंड (ग) के अधीन संरक्षण आदेश के लिए मजिस्ट्रेट को कोई आवेदन किया जा सकेगा;
(e)(ङ) वह प्ररूप जिसमें, धारा ९ की उपधारा (१) के खंड (घ) के अधीन कोई परिवाद फाइल किया जाएगा;
(f)(च) धारा ९ की उपधारा (१) के खंड (झ) के अधीन संरक्षण अधिकारी द्वारा पालन किए जाने वाले अन्य कर्तव्य;
(g)(छ) धारा १० की उपधारा (१) के अधीन सेवा प्रदाताओं के रजिस्ट्रीकरण को विनियमित करने के नियम;
(h)(ज) वह प्ररूप जिसमें इस अधिनियम के अधीन अनुतोषों की वांछा करने के लिए धारा १२ की उपधारा (१) के अधीन कोई आवेदन किया जा सकेगा और वे विशिष्टियां जो उस धारा की उपधारा (३) के अधीन ऐसे आवेदन में अंतर्विष्ट होंगी;
(i)(झ) धारा १३ की उपधारा (१) के अधीन सूचनाओं की तामील करने के उपाय;
(j)(ञ) धारा १३ की उपधारा (२) के अधीन संरक्षण अधिकारी द्वारा दी जाने वाली सूचना की तामील की घोषणा का प्ररूप;
(k)(ट) परामर्श देने के लिए अर्हताएं और अनुभव जो धारा १४ की उपधारा (१) के अधीन सेवा प्रदाता के किसी सदस्य के पास होंगे;
(l)(ठ) वह प्ररूप, जिसमें कोई शपथ पत्र, धारा २३ की उपधारा (२) के अधीन व्यथित व्यक्ति द्वारा फाइल किया जा सकेगा;
(m)(ड) कोई अन्य विषय, जो विहित किया जाना है या किया जा सकेगा।
(३) एस अधिनियम के अधीन केंद्रीय सरकार द्वारा बनाया गया प्रत्येक नियम, बनाए जाने के पश्चात् यथाशीघ्र संसद् के प्रत्येक सदन के समक्ष, जब वह ऐसी कुल तीस दिन की अवधि के लिए सत्र में हो, जो एक सत्र में अथवा दो या अधिक आनुक्रमिक सत्रों में पूरी हो सकती है, रखा जाएगा और यदि उस सत्र के या पूर्वोक्त आनुक्रमिक सत्र के ठीक बाद के सत्र के अवसान के पूर्व दोनों सदन उस नियम में कोई परिवर्तन करने के लिए सहमत हो जाएं या दोनों सदन इस बात से सहमत हो जाएं कि वह नियम नहीं बनाया जाना चाहिए तो ऐसा नियम, यथास्थिति, तत्पश्चात् केवल ऐसे परिवर्तित रूप में ही प्रभावी होगा या उसका कोई प्रभाव नहीं होगा, तथापि, उस नियम के ऐसे परिवर्तित या निष्प्रभाव होने से उसके अधीन पहले की गई किसी बात की विधिमान्यता पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पडेगा।

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