Posh act 2013
अध्याय ६ :
नियोजक के कर्तव्य:
धारा १९ :
नियोजक के कर्तव्य :
प्रत्येक नियोजक,
(a)क) कार्यस्थल पर सुरक्षित कार्य वातावरण उपलब्ध कराएगा, जिसके अंतर्गत कार्यस्थल पर संपर्क में आने वाले व्यक्तियों से सुरक्षा भी है;
(b)ख) लैंगिक उत्पीडन के दाण्डिक परिणाम और धारा ४ की उपधारा (१) के अधीन आंतरिक समिति का गठन करने वाले आदेश को कार्यस्थल में किसी सहजदृश्य स्थान पर प्रदर्शित करेगा;
(c)ग) इस अधिनियम के उपबंधों के संबंध में कर्मचारियों को सुग्राही बनाने के लिए नियमित अंतरालों पर कार्यशालाएं और जागरूकता कार्यक्रम तथा विहित रिति में आंतरिक समिति के सदस्यों के लिये अभिविन्यास कार्यक्रम संचालित करेगा;
(d)घ) यथास्थिति, आंतरिक समिति या स्थानीय समिति को परिवादों पर कार्यवाही करने और जांच का संचालन करने के लिए आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराएगा;
(e)ङ) यथास्थिति, आंतरिक समिति या स्थानीय के समक्ष प्रत्यर्थी या साक्षियों की उपस्थिति, सुनिश्चित करने में सहायता करेगा;
(f)च) यथास्थिति, आंतरिक समिति या स्थानीय समिति को ऐसी जानकारी उपलब्ध कराएगा, जो धारा ९ की उपधारा (१) के अधीन परिवाद को ध्यान में रखकर अपेक्षित हो;
(g)छ) महिला को, यदि वह भारतीय दंड संहिता (१८६० का ४५) या तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि के अधीन अपराध के संबंध में कोई परिवाद फाइल करने का इस प्रकार चयन करती है, सहायता प्रदान करेगा;
(h)ज) अपराधकर्ता के विरूद्ध, भारतीय दण्ड संहिता (१८६० का ४५) या तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि के अधीन कार्रवाई आरंभ करेगा, या यदि व्यथित महिला ऐसा चाहे तो, जहाँ अपराधकर्ता कर्मचारी न हो, ऐसे कार्यस्थल में जिसमें लैंगिक उत्पीडन की घटना घटित हुई हो;
(i)झ) लैंगिक उत्पीडन को सेवा नियमों के अधीन कदाचार के रूप में मानेगा और ऐसे कदाचार के लिये कार्रवाई आरंभ करेगा।
(j)ज) आतंरिक समिति द्वारा रिपोर्टो के समय से दिए जाने को मानीटर करेगा।
