महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीडन (निवारण, प्रतिषेध एवं प्रतितोषण) अधिनियम, २०१३
(क्रमांक १४ सन २०१३)
प्रस्तावना :
अध्याय १ :
प्रारंभिक :
धारा १ :
संक्षिप्त नाम, विस्तार और प्रारंभ :
महिलाओं के कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीडन से संरक्षण और लैंगिक उत्पीडन के परिवादों के निवारण और प्रतितोषण तथा उससे संबंधित या उसके आनुषंगिक विषयों का उपबंध करने के लिए अधिनियम
यत:, लैंगिक उत्पीडन के परिणामस्वरूप भारत के संविधान के अनुच्छेद १४ और १५ के अधीन समानता और संविधान के अनुच्छेद २१ के अधीन प्राण और गरिमा से जीवन व्यतीत करने के किसी महिला के मूल अधिकारों और किसी वृत्ति का व्यवहार करने या कोई व्यवसाय, व्यापार या कारबार करने के अधिकार का, जिसके अंतर्गत लैंगिक उत्पीडन से मुक्त सुरक्षित वातावरण का अधिकरण भी है, उल्लंघन होता है;
और यत; लैंगिक उत्पीडन से संरक्षण तथा गरिमा से कार्य करने का अधिकार, महिलाओं के प्रति सभी प्रकार के विभेदों को दूर करने संबंधी अभिसमय जैसे अंतरराष्ट्रीय अभिसमयों और लिखतों द्वारा सार्वभौमिक रूप से मान्यताप्राप्त ऐसे मानवाधिकार हैं जिनका भारत सरकार द्वारा २५ जून, १९९३ को अनुसमर्थन किया गया है;
और यत;, कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीडन से महिलाओं के संरक्षण के लिए उक्त अभिसमय को प्रभावी करने के लिए उपबंध करना समीचीन है;
भारत गणराज्य के चौसठवें वर्ष में संसद् द्वारा निम्नलिखित रूप में यह अधिनियमित हो :-
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१) इस अधिनियम का संक्षिप्त नाम महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीडन (निवारण, प्रतिषेध एवं प्रतितोषण) अधिनियम, २०१३ है।
२) इसका विस्तार संपूर्ण भारत पर है।
३) यह उस १.(तारीख) को प्रवृत्त होगा, जो केन्द्रीय सरकार, राजपत्र में अधिसूचना द्वारा, नियत करे।
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१. अधिसूचना क्रमांक एस.ओ. ३६०६(ई) दिनांक ९-१२-२०१३ भारत का राजपत्र, असाधारण, भाग दो, धारा ३(दो) देखे ।