Posh act 2013
धारा १३ :
जांच रिपोर्ट :
१) इस अधिनियम के अधीन जांच के पूरा होने पर, यथास्थिति, आंतरिक समिति या स्थानीय समिति, अपने निष्कर्षो की एक रिपोर्ट, यथास्थिति, नियोजक या जिला अधिकारी को जांच के पूरा होने की तारीख से दस दिनों की कालावधि के भीतर उपलब्ध कराएगी और ऐसी रिपोर्ट संबंधित पक्षकारों को उपलब्ध कराई जाएगी।
२) जहां, यथास्थिति, आंतरिक समिति या स्थानीय समिति इस निष्कर्ष पर पहुंचती है कि प्रत्यर्थी के विरूद्ध अभिकथन साबित नहीं किया गया है तो वह नियोजक और जिला अधिकारी को यह सिफारिश करेगी कि मामले में कोई कार्रवाई की जानी अपेक्षित नहीं है।
३) जहां, यथास्थिति, आंतरिक समिति या स्थानीय समिति इस निष्कर्ष पर पहुंचती है कि प्रत्यर्थी के विरूद्ध अभिकथन साबित हो गया है, वहां वह, यथास्थिति, नियोजक या जिला अधिकारी से निम्नलिखित की सिफारिश करेगी,-
एक) प्रत्यर्थी को लागू सेवा नियमों के उपबंधों के अनुसार कदाचार के रूप में या जहां ऐसे सेवा नियम नहीं बनाए गए हैं, वहां ऐसी रीति में, जो विहित की जाए, लैंगिक उत्पीडन के लिए कार्रवाई करने;
दो) प्रत्यर्थी को लागू सेवा नियमों में किसी बात के होते हुए भी, प्रत्यर्थी के वेतन या मनदूरी से व्यथित महिला को या उसके विधिक वारिस को संदत्त किए जाने वाले प्रतिकर की ऐसी राशि की कटौती करने, जो धारा १५ के उपबंधों के अनुसार वह अवधारित करे :
परंतु यदि नियोजक प्रत्यर्थी के कर्तव्य से अनुपस्थित रहने या नियोजन के समाप्त हो जाने के कारण उसके वेतन से ऐसी कटौती करने में असमर्थ है तो वह व्यथित महिला को ऐसे प्रतिकर का संदाय करने का प्रत्यर्थी को निदेश दे सकेगा :
परंतु यह और उस दशा में जबकि प्रत्यर्थी खण्ड (दो) में निर्दिष्ट राशि का संदाय प्रत्यर्थी को करने में विफल होता है तो यथास्थिति, आंतरिक समिति या स्थानीय समिति, राशि की वसूली भू-राजस्य की बकाया के रूप में करने के लिये संबंधित जिला अधिकारी को आदेश अग्रेषित कर सकेगी।
४) नियोजक या जिला अधिकारी, उसके द्वारा सिफारिश की प्राप्ति के साठ दिन के भीतर उस पर कार्रवाई करेगा।