Phra 1993 धारा १८ : १.(जांच के दौरान और जांच के पश्चात कार्रवाई :

मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम १९९३
धारा १८ :
१.(जांच के दौरान और जांच के पश्चात कार्रवाई :
आयोग, इस अधिनियम के अधीन की गई किसी जांच के दौरान और उसके पूरा होने पर निम्नलिखित कार्रवाई कर सकेगा, अर्थात:-
(a)(क) जहां जांच से किसी लोक सेवक द्वारा मानव अधिकारों का अतिक्रमण या मानव अधिकारों के अतिक्रमण के निवारण में उपेक्षा या मानव अधिकारों के अतिक्रमण का उत्प्रेरण प्रकट होता है, तो वहां वह संबंधित सरकार या प्राधिकारी को –
(एक) शिकायतकर्ता या पीडित व्यक्ति या उसके कुटुम्ब के सदस्यों को ऐसा प्रतिकर या नुकसानी का संदाय करने की सिफारिश कर सकेगा, जो आयोग आवश्यक समझे;
(दो) संबंधित व्यक्ति या व्यक्तियों के विरुद्ध अभियोजन के लिए कार्यवाहियां आरम्भ करने या कोई अन्य समुचित कार्रवाई करने के लिए, सिफारिश कर सकेगा, जो आयोग ठीक समझे;
(तीन) ऐसी अन्य कार्रवाई करने की सिफारिश कर सकेगा, जिसे वह ठीक समझे;
(b)(ख) उच्चतम न्यायालय या संबंधित उच्च न्यायालय को ऐसे निदेश, आदेश या रिट के लिए जो, वह न्यायालय आवश्यक समझे, अनुरोध करना;
(c)(ग) जांच के किसी प्रक्रम पर सम्बद्ध सरकार या प्राधिकारी को पीडित व्यक्ति या उसके कुटुम्ब के सदस्यों को ऐसी तत्काल अन्तरिम सहायता मंजूर करने की, जो आयोग आवश्यक समझे, सिफारिश करना;
(d)(घ) खण्ड (ङ) के उपबंधों के अधीन रहते हुए, जांच रिपोर्ट की प्रति अर्जीदार या उसके प्रतिनिधि को उपलब्ध कराना;
(e)(ङ) आयोग अपनी जांच रिपोर्ट की एक प्रति अपनी सिफारिशों सहित, संबंधित सरकार या प्राधिकारी को भेजेगा और संबंधित सरकार या प्राधिकारी, एक मास की अवधि के भीतर या ऐसे और समय के भीतर, जो आयोग अनुज्ञात करे, रिपोर्ट पर अपनी टीका-टिप्पणी आयोग को भेजेगा जिसके अन्तर्गत उस पर की गई या की जाने के लिए प्रस्तावित कार्रवाई है;
(f)(च) आयोग, संबंधित सरकार या प्राधिकारी की टीका-टिप्पणी सहित, यदि कोई हो, अपनी जांच रिपोर्ट तथा आयोग की सिफारिशों पर संबंधित सरकार या प्राधिकारी द्वारा की गई या की जाने के लिए प्रस्तावित कार्रवाई को प्रकाशित करेगा।)
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१. २००६ के अधिनियम सं० ४३ की धारा ११ द्वारा प्रतिस्थापित ।

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