Phra 1993 धारा २ : परिभाषाएं :

मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम १९९३
धारा २ :
परिभाषाएं :
(१) इस अधिनियम में, जब तक कि संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो, –
(a)(क) सशस्त्र बल से नौसेना, सेना और वायु सेना अभिप्रेत है और इसके अन्तर्गत संघ का कोई अन्य सशस्त्र बल है;
(b)(ख) अध्यक्ष से, यथास्थिति, आयोग का या राज्य आयोग का अध्यक्ष अभिप्रेत है;
(ba)२.(खक) मुख्य आयुक्त से दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, २०१६ की धारा ७४ की उपधारा (१) में निर्दिष्ट दिव्यांगजनों के लिए मुख्य आयुक्त अभिप्रेत हैं;)
(c)(ग) आयोग से धारा ३ के अधीन गठित राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग अभिप्रेत है;
(d)(घ) मानव अधिकार से प्राण, स्वतंत्रता, समानता और व्यक्ति की गरिमा से संबंधित ऐसे अधिकार अभिप्रेत हैं जो संविधान द्वारा प्रत्याभूत किए गए हैं या अन्तरराष्ट्रीय प्रसंविदाओं में सन्निविष्ट और भारत में न्यायालयों द्वारा प्रवर्तनीय हैं;
(e)(ङ) मानव अधिकार न्यायालय से धारा ३० के अधीन विनिर्दिष्ट मानव अधिकार न्यायालय अभिप्रेत है;
(f)१.(च) अन्तर्राष्ट्रीय प्रसंविदा से संयुक्त राष्ट्र की महासभा द्वारा १६ दिसंबर, १९६६ को अंगीकार की गई सिविल और राजनीतिक अधिकारों पर अंतरराष्ट्रीय प्रसंविदा और आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक अधिकारों पर अंतरराष्ट्रीय प्रसंविदा तथा संयुक्त राष्ट्र संघ की महासभा द्वारा अंगीकार की गई ऐसी अन्य प्रसंविदा या अभिसमय, जो केन्द्रीय सरकार अधिसूचना द्वारा विनिर्दिष्ट करे, अभिप्रेत है;)
(g)१.(छ) सदस्य से, यथास्थिति, आयोग का या राज्य आयोग का सदस्य अभिप्रेत है;)
(ga)२.(छक) राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग से राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग अधिनियम, १९९३ की धारा ३ के अधीन गठित राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग अभिप्रेत है:)
(h)(ज) राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग से राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम, १९९२ (१९९२ का १९) की धारा ३ के अधीन गठित राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग अभिप्रेत है;
(ha)२.(जक) राष्ट्रीय बालक अधिकार संरक्षण आयोग से बालक अधिकार संरक्षण आयोग अधिनियम, २००५ की धारा ३ के अधीन गठित राष्ट्रीय बालक अधिकार संरक्षण आयोग अभिप्रेत है ।)
(i)१.(झ) राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग से संविधान के अनुच्छेद ३३८ में निर्दिष्ट राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग अभिप्रेत है;
(ia)(झक) राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग से संविधान के अनुच्छेद ३३८क में निर्दिष्ट राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग अभिप्रेत है;)
(j)(ञ) राष्ट्रीय महिला आयोग से राष्ट्रीय महिला आयोग अधिनियम, १९९० (१९९० का २०) की धारा ३ के अधीन गठित राष्ट्रीय महिला आयोग अभिप्रेत है;
(k)(ट) अधिसूचना से राजपत्र में प्रकाशित अधिसूचना अभिप्रेत है;
(l)(ठ) विहित से इस अधिनियम के अधीन बनाए गए नियमों द्वारा विहित अभिप्रेत है;
(m)(ड) लोक सेवक का वही अर्थ है जो भारतीय दंड संहिता (१८६० का ४५) की धारा २१ में है;
(n)(ढ) राज्य आयोग से धारा २१ के अधीन गठित राज्य मानव अधिकार आयोग अभिप्रेत है।
(२) इस अधिनियम में किसी ऐसी विधि के, जो जम्मू-कश्मीर राज्य में प्रवृत्त नहीं है, प्रति किसी निर्देश का उस राज्य के संबंध
में, यह अर्थ लगाया जाएगा कि वह उस राज्य में प्रवृत्त किसी तत्स्थानी विधि के, यदि कोई हो, प्रति निर्देश है।
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१. २००६ के अधिनियम सं०४३ की धारा २ द्वारा प्रतिस्थापित।
२. २०१९ के अधिनियम सं० १९ की धारा २ द्वारा अंत:स्थापित ।

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