Pcpndt act धारा ५ : गर्भवती स्त्री की लिखित सहमति और भ्रूण के लिंग की संसूचना का प्रतिषेध :

गर्भधारण पूर्व और प्रसवपूर्व निदान-तकनीक (लिंग चयन प्रतिषेध) अधिनियम १९९४
धारा ५ :
गर्भवती स्त्री की लिखित सहमति और भ्रूण के लिंग की संसूचना का प्रतिषेध :
(१) धारा ३ के खंड (२) में निर्दिष्ट कोई भी व्यक्ति, प्रसवपूर्व-निदान प्रक्रियाओं का उपयोग तब करेगा जब –
(a)(क) उसने संबंधित गर्भवती स्त्री को ऐसी प्रक्रियाओं के सभी ज्ञात अनुषंगी प्रभावों और अनुवर्ती प्रभावों को स्पष्ट कर दिया हो ;
(b)(ख) उसने ऐसी प्रक्रियाएं कराने की उसकी लिखित सहमति ऐसी भाषा में, जो वह समझती है : विहित प्ररूप में प्राप्त कर ली हो;
(c)(ग) खंड (ख) के अधीन प्राप्त उसकी लिखित सहमति की प्रति गर्भवती स्त्री को दे दी हो।
१.(२) कोई व्यक्ति, जिसमें प्रसवपूर्व निदान-प्रक्रिया करने वाला व्यक्ति सम्मिलित है, संबंधित गर्भवती स्त्री या उसके नातेदारों या किसी अन्य व्यक्ति को शब्दों, संकेतों द्वारा या किसी अन्य रीति से भूण का लिंग संसूचित नहीं करेगा।)
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१. २००३ के अधिनियम सं० १४ की धारा ७ द्वारा प्रतिस्थापित ।

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