गर्भधारण पूर्व और प्रसवपूर्व निदान-तकनीक (लिंग चयन प्रतिषेध) अधिनियम १९९४
धारा २५ :
अधिनियम या नियमों के उपबंधों के उल्लंघन के लिए शास्ति जिनके लिए किसी विनिर्दिष्ट दंड उपबंध नहीं किया गया है :
जो कोई इस अधिनियम के या इसके अधीन बनाए गए किन्हीं नियमों के उन उपबंधों का उल्लंघन करेगा, जिनके लिए इस अधिनियम में अन्य किसी शास्ति का उपबंध नहीं है वह कारावास से, जिसकी अवधि तीन मास तक की हो सकेगी या जुर्माने से, जो एक हजार रुपए तक का हो सकेगा या दोनों से और जहां ऐसा उल्लंघन जारी रहता है वहां अतिरिक्त जुर्माने से जो ऐसे प्रत्येक दिन के लिए, जिसके दौरान ऐसा उल्लंघन ऐसे प्रथम उल्लंघन के लिए दोषसिद्धि के पश्चात जारी रहता है, पांच सौ रुपए तक का हो सकेगा, दंडनीय होगा ।