गर्भधारण पूर्व और प्रसवपूर्व निदान-तकनीक (लिंग चयन प्रतिषेध) अधिनियम १९९४
धारा २४ :
१.(प्रसवपूर्व निदान-तकनीकों के संचालन की दशा में उपधारणा :
भारतीय साक्ष्य अधिनियम, १८७२ (१८७२ का १) में किसी बात के होते हए भी, न्यायालय, जब तक प्रतिकुल साबित नहीं कर दिया जाता है, यह उपधारणा करेगा कि गर्भवती स्त्री प्रसवपूर्व निदान-तकनीक का धारा ४ की उपधारा (२) में विनिर्दिष्ट प्रयोजनों से भिन्न प्रयोजन के लिए उपयोग कराने के लिए, यथास्थिति, उसके पति या किसी अन्य नातेदार द्वारा विवश की गई थी और ऐसा व्यक्ति धारा २३ की उपधारा (३) के अधीन अपराध के दुष्प्रेरण के लिए दायी होगा और उस धारा के अधीन विनिर्दिष्ट अपराध के लिए दंडनीय होगा।)
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१. २००३ के अधिनियम सं० १४ की धारा १८ द्वारा प्रतिस्थापित।