बालविवाह प्रतिषेध अधिनियम २००६
धारा ११ :
बाल-विवाह के अनुष्ठान का संवर्धन करने या उसे अनुज्ञात करने के लिए दंड :
१)जहां कोई बालक बाल-विवाह करेगा, वहां ऐसा कोई व्यक्ति जिसके भारसाधन में चाहे माता-पिता अथवा संरक्षक या किसी अन्य व्यक्ति के रूप में अथवा अन्य किसी विधिपूर्ण या विधिविरूध्द हैसियत में, बालक है, जिसके अंतर्गत किसी संगठन या व्यक्ति निकाय का सदस्य भी है, जो विवाह का संवर्धन करने के लिए कोई कार्य करता है या उसका अनुष्ठापित किया जाना अनुज्ञात करता है या उसका अनुष्ठान किए जाने से निवारण करने में उपेक्षापूर्वक असफल रहता है, जिसमें बाल-विवाह में उपस्थित होना या भाग लेना सम्मिलित है, कठोर कारावास से, जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकेगी, दंडनीय होगा और जुर्माने से भी, जो एक लाख रूपए तक का हो सकेगा, दंडनीय होगा:
परंतु कोई स्त्री कारावास से दंडनीय नहीं होगी ।
२)इस धारा के प्रयोजनों के लिए, जब तक कि इसके प्रतिकूल साबित नहीं हो जाता है यह उपधारणा की जाएगी कि जहां अवयस्क बालक ने विवाह किया है वहां ऐसे अवयस्क बालक का भारसाधन रखने वाला व्यक्ति विवाह अनुष्ठापित किए जाने से निवारित करने में उपेक्षापूर्वक असफल रहा है ।