मोटर यान अधिनियम १९८८
धारा ५१ :
अवक्रय करार, आदि के अधीन मोटर यान के बारे में विशेष उपबंध :
१) जहां उस मोटर यान के रजिस्ट्रीकरण के लिए आवेदन किया जाता है, जो अवक्रय, पट्टा या आडमान करार (जिस इस धारा में इसके पश्चात् उक्त करार कहा गया है ) के अधीन धारित है, वहां रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी उक्त करार के अस्तित्व की बात रजिस्ट्रीकरण प्रमाणपत्र में प्रविष्ट करेगा ।
२)जहां इस अध्याय के अधीन रजिस्ट्रीकृत किसी मोटर यान का स्वामित्व अंतरित हो जाता है और अंतरिती किसी व्यक्ति के साथ उक्त करार करता है वहां १(अंतिम रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी) उक्त करार के पक्षकारों से ऐसे प्ररूप में जो केन्द्रीय सरकार विहित करे, आवेदन मिलने पर, उक्त करार के अस्तित्व की बात रजिस्ट्रीकरण प्रमाणपत्र में प्रविेष्ट करेगा २(ओर निमित्त सूचना, मूल रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी को भेजी जाएगी, यदि अंतिम रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी, मूल रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी नहीं है )
३)उपधारा (१) या उपधारा (२) के अधीन की गई कोई प्रविष्टि सम्बध्द पक्षकारों द्वारा ऐसे प्ररूप में, जो केन्द्रीय सरकार विहित करे, आवेदन किए जाने पर उक्त करार की समाप्ति का सबूत दिए जाने पर १.(अंतिम रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी ) द्वारा रद्द की जा सकेगी २.(और इस निमित्त सूचना, मूल रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी को भेजी जाएगी, यदि अंतिम रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी, मूल रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी नहंी है)।
४) जो मोटर यान उक्त करार के अधीन धारित है उसके स्वामित्व के अंतरण का प्रविष्टि रजिस्ट्रीकरण प्रमाणपत्र में उस व्यक्ति की लिखित सम्मति से ही की जाएगी जिसका नाम रजिस्ट्रीकरण प्रमाणपत्र में ऐसे व्यक्ति के रूप में विनिर्दिष्ट है जिसके साथ रजिस्ट्रीकृत स्वामी ने उक्त करार किया है न कि अन्यथा ।
५)जहां वह व्यक्ति, जिसका नाम रजिस्ट्रीकरण प्रमाणपत्र में ऐसे व्यक्ति के रूप में विनिर्दिष्ट है जिसके साथ रजिस्ट्रीकृत स्वामी ने उक्त करार किया है, रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी का समाधान कर देता है कि उसने उक्त करार के उपबंधों के अधीन ३.(रजिस्ट्रीकृत स्वामी से उस यान का कब्जा रजिस्ट्रीकृत स्वामी के व्यतिक्रम के कारण ले लिया है ) और रजिस्ट्रीकृत स्वामी रजिस्ट्रीकरण प्रमाणपत्र देने से इंकार करता है या फरार हो गया है वहां ऐसा प्राधिकारी रजिस्ट्रीकृत स्वामी को (उसके उस पते से जो रजिस्ट्रीकरण प्रमाणपत्र में दिया हुआ है, रसीदी रजिस्ट्री डशक से सूचना भेजकर ) ऐसा अभ्यावेदन करने का, जैसा वह करना चाहे, अवसर देने के पश्चात् तथा इस बात के होते हुए भी कि रजिस्ट्रीकरण प्रमाणपत्र उसके समक्ष पेश नहीं किया गया है उस रजिस्ट्रीकरण प्रमाणपत्र को रद्द कर सकेगा और उस व्यक्ति के नाम में, जिसके साथ रजिस्ट्रीकृत स्वामी ने उक्त करार किया है, नया रजिस्ट्रीकरण प्रमाणपत्र जारी कर सकेगा :
परन्तु मोटर यान की बाबत रजिस्ट्रीकरण का नया प्रमाणपत्र तभी जारी किया जाएगा जब उस व्यक्ति ने विहित फीस दे दी हो, अन्यथा नहींं:
परन्तु यह और कि ऐसे मोटर यान की बाबत, जो परिवहन यान से भिन्न है, जारी किया गया रजिस्ट्रीकरण का नया प्रमाणपत्र केवल उस शेष अवधि के लिए विधिमान्य होगा जिसके लिए इस उपधारा के अधीन रद्द किया गया प्रमाणपत्र प्रवृत्त रहता ।
६)रजिस्ट्रीकृत स्वामी धारा ८१ के अधीन परमिट के नवीकरण के लिए या धारा ४१ की उपधारा (१४) के अधीन रजिस्ट्रीकरण प्रमाणपत्र की दूसरी प्रति जारी करने के लिए या धारा ४७ के अधीन नया रजिस्ट्रीकरण चिहन देने के लिए ४.(या यान को किसी अन्य राज्य को जाए जाने के लिए या यान को एक वर्ग से दूसरे वर्ग में संपरिवर्तित किए जाने के समय, या धारा ४८ के अधीन आक्षेप न होने का प्रमाणपत्र जारी किए जाने के लिए या धारा ४९ के अधीन निवास स्थान या कारबार के स्थान के परिवर्तन के लिए या धारा ५२ के अधीन यान में परिवर्तन के लिए ) समुचित प्राधिकारी को आवेदन करने के पूर्व उस व्यक्ति को, जिसके साथ रजिस्ट्रीकृत स्वामी ने उक्त करार किया है (ऐसे व्यक्ति को इस धारा में इसके पश्चात् वित्तपोषक कहा गया है )आक्षेप न होने का प्रमाणपत्र (जिसे इस धारा में इसके पश्चात् प्रमाणपत्र कहा गया है) जारी किए जाने के लिए आवेदन करेगा।
स्पष्टीकरण- इस उपधारा और उपधारा (८) और उपधारा (९) के प्रयोजनों के लिए, किसी परमिट के संबंध में समुचित प्राधिकारी से वह प्राधिकारी अभिप्रेत है जो इस अधिनियम द्वारा ऐसे परमिट का नवीकरण करेन के लिए प्राधिकृत है और रजिस्ट्रीकरण के संबंध में वह प्राधिकारी अभिप्रेत है जो इस अधिनियम द्वारा रजिस्ट्रीकरण प्रमाणपत्र की दूसरी प्रति जारी करने या नया रजिस्ट्रीकरण चिहन देने के लिए प्राधिकृत है ।
७)उपधारा (६) के अधीन आवेदन की प्राप्ति से सात दिन के भीतर वित्तपोषक, आवेदन किए गए प्रमाणपत्र को जारी कर सकेगा या ऐसे कारणों से जारी करने से इंकार कर सकेगा, जो लेखबध्द किए जाएंगे और आवेदक को संसूचित किए जाएंगे, और जहां वित्तपोषक उक्त सात दिन की अवधि के भीतर प्रमाणपत्र जारी करने में असफल रहता है और आवेदक को प्रमाणपत्र जारी किए जाने से इंकार करने के कारणों को संसूचित करने में भी असफल रहता है वहां उस प्रमाणपत्र को जिसके लिए आवेदन किया गया है, वित्तपोषक द्वारा जारी किया गया समझा जाएगा।
८)रजिस्ट्रीकृत स्वामी धारा ८१ के अधीन किसी परमिट का नवीकरण करने के लिए समुचित प्राधिकारी को आवेदन करते समय या धारा ४१ की उपधारा (१४) के अधीन रजिस्ट्रीकरण प्रमाणपत्र की दूसरी प्रति जारी करने के लिए या धारा ४७ के अधीन नया रजिस्ट्रीकरण चिहन देने के लिए आवेदन करते समय ऐसे आवेदन के साथ उस प्रमाणपत्र को, यदि कोई हो, जो उपधारा (७) के अधीन अभिप्राप्त किया गया है, देगा या जहां ऐसा प्रमाणपत्र अभिप्राप्त नहीं किया गया है वहां यथास्थिति, वित्तपोषक से उस उपधारा के अधीन प्राप्त संसूचना देगा या ऐसी घोषणा करेगा कि उसने उस उपधारा में विनिर्दिेष्ट सात दिन की अवधि के भीतर वित्तपोषक से कोई संसूचना प्राप्त नहीं की है ।
९)समुचित प्राधिकारी, उस यान के संबंध में जो उक्त करार के अधीन धारित है किसी परमिट के नवीकरण के लिए या रजिस्ट्रीकरण प्रमाणपत्र की दूसरी प्रति जारी करने के लिए या नया रजिस्ट्रीकरण चिहन देने के लिए आवेदन प्राप्त करने पर, इस अधिनियम के अन्य उपबंधों के अधीन रहते हुए –
(a)क) ऐसी दशा में, जब वित्तपोषक ने आवेदन किए गए प्रमाणपत्र को जारी करने से इंकार कर दिया हो, आवेदक को सुनवाई का अवसर देने के पश्चात् या तो, –
१)परमिट का नवीकरण कर सकेगा या नवीकरण करने से इंकार कर सकेगा; या
२)रजिस्ट्रीकरण प्रमाणपत्र की दूसरी प्रति जारी कर सकेगा या जारी करने से इंकार कर सकेगा; या
३)नया रजिस्ट्रीकरण चिहन दे सकेगा या देने से इंकार कर सकेगा;
(b)ख) किसी अन्य दशा में, –
१)परमिट का नवीकरण कर सकेगा ; या
२) रजिस्ट्रीकरण प्रमाणपत्र की दूसरी प्रति जारी कर सकेगा; या
३) नया रजिस्ट्रीकरण चिहन दे सकेगा ।
१०)निम्नलिखित के संबंध में रजिस्ट्रीकरण प्रमाणपत्र में कोई प्रविष्टि करने वाला रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी वित्तपोषक को ५.(रसीदी रजिस्ट्री डाक द्वारा) यह संसूचित करेगा कि ऐसा प्रविष्टि कर दी गई है, अर्थात् :-
(a)क)किसी मोटर यान का अवक्रय, पट्टा या आड्मान करार; या
(b)ख)किसी प्रविष्टि का उपधारा (३) के अधीन रद्दकरण; या
(c)ग)किसी मोटर यान के स्वामित्व के अंतरण का अभिलेखन; या
(d)घ)किसी मोटर यान में कोई परिवर्तन ; या
(e)ड)किसी मोटर यान के रजिस्ट्रीकरण का निलंबन या यद्दकरण; या
(f)च)पते में परिवर्तन ।
६.(११) रजिस्ट्रीकृत प्राधिकारी, नए यान का रजिस्ट्रीकरण करते समय या रजिस्ट्रीकरण प्रमाणपत्र की दूसरी प्रति या आक्षेप न होने का प्रमाणपत्र या रजिस्ट्रीकरण का अस्थायी प्रमाणपत्र जारी करते समय या ठीक हालत में होने का प्रमाणपत्र जारी करते समय या उसका नवीकरण करते समय या परमिट में किसी अन्य मोटर यान से संबंधित प्रविष्टियों को प्रतिस्थापित करते समय ऐसे संव्यवहार की सूचना वित्तपोषक को देगा ।
१२) रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी जहां वह मूल रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी नहीं है, उपधारा (१) या उपधारा (२) के अधीन प्रविष्टि करते समय या उपधारा (३) के अधीन उक्त प्रविष्टि को रद्द करते समय या उपधारा (५) के अधीन नया रजिस्ट्रीकरण प्रमाणपत्र जारी करते समय, उसकी संसूचना मूल रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी को देगा ।)
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१.१९९४ के अधिनियम सं. ५४ की धारा १४ द्वारा (१४-११-१९९४ से ) प्रतिस्थापित ।
२.१९९४ के अधिनियम सं. ५४ की धारा १४ द्वारा (१४-११-१९९४ से ) अंत:स्थापित ।
३.१९९४ के अधिनियम सं. ५४ की धारा १४ द्वारा (१४-११-१९९४ से ) प्रतिस्थापित ।
४.१९९४ के अधिनियम सं. ५४ की धारा १४ द्वारा (१४-११-१९९४ से ) अंत:स्थापित ।
५.१९९४ के अधिनियम सं. ५४ की धारा १४ द्वारा (१४-११-१९९४ से ) अंत:स्थापित ।
६.१९९४ के अधिनियम सं. ५४ की धारा १४ द्वारा (१४-११-१९९४ से ) प्रतिस्थापित ।