भारतीय दण्ड संहिता १८६०
धारा २०४ :
साक्ष्य के रुप में किसी १.(दस्तावेज या इलेक्ट्रॉनिक अभिलेख) का पेश किया जाना निवारित (राकने) के लिए उसे नष्ट करना :
(See section 241 of BNS 2023)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : साक्ष्य के रुप में किसी दस्तावेज का पेश किया जाना निवारित करने के लिए उसको छिपाना या नष्ट करना ।
दण्ड :दो वर्ष के लिए कारावास, या जुर्माना, या दोनों ।
संज्ञेय या असंज्ञेय :असंज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय :जमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है :प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट ।
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जो कोई किसी ऐसे १.(दस्ताऐवज या इलेक्ट्रॉनिक अभिलेख) को छिपाएगा या नष्ट करेगा जिसे किसी न्यायालय में या ऐसी कार्यवाही में, जो किसी लोक सेवक के समक्ष उसकी वै हैसियत में विधिपूर्वक की गई है, साक्ष्य के रुप में पेश करने के लिए उसे विधिपूर्वक विवश किया जा सके, या पुर्वोक्त न्यायालय या लोक सेवक के समक्ष साक्ष्य के रुप में पेश किए जाने या उपयोग में लाए जाने से निवारित (रोकने) के आशय से, या उस प्रयोजन के लिए उस १.(दस्तावेज या इलेक्ट्रॉनिक अभिलेक), को पेश करने को उसे विधिपूर्वक समनित या अपेक्षित किए जाने के पश्चात् ऐसी संपूर्ण १.(दस्तावेज या इलेक्ट्रॉनिक अभिलेख) को, या उसके किसी भाग को मिटाएगा, या ऐसा बनाएगा, जो पढा न जा सके, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा ।
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१. २००० के अधिनियम सं० २१ की धारा ९१ और पहली अनुसूची द्वारा दस्तावेज के स्थान पर प्रतिस्थापित (१७-१०-२००० से) ।