Ipc धारा १६६ ख : १.(पीडित का उपचार न करने के लिए दण्ड :

भारतीय दण्ड संहिता १८६०
धारा १६६ ख :
१.(पीडित का उपचार न करने के लिए दण्ड :
(See section 200 of BNS 2023)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : अस्पताल द्वारा पीडित का उपचार न किया जाना ।
दण्ड :एक वर्ष के लिए कारावास, या जुर्माना, या दोनों ।
संज्ञेय या असंज्ञेय :असंज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय :जमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है :प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट ।
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जो कोई ऐसे किसी लोक या प्रायवेट (निजी) अस्पताल का, चाहे वह केन्द्रीय सरकार, राज्य सरकार, स्थानीय निकार या किसी अन्य व्यक्ति द्वारा चलाया जा रहा है, भारसाधक होते हुए दण्ड प्रक्रिया संहिता, १९७३ (१९७४ का २) की धारा ३५७ ग के उपबंधो का उल्लंघन करेगा, वह कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि एक वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा ।)
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१. दण्ड विधि (संशोधन) अधिनियम २०१३ (२०१३ का १३), धारा ३ द्वारा अन्त:स्थापित (३-२-२०१३ से प्रभावित) । भारत का राजपत्र, असाधारण, भाग २, खण्ड १ दिनांक २-४=२०१३ पृष्ठ १-१६ पर अंग्रेजी में प्रकाशित ।

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