भारत का संविधान
अनुच्छेद ३३३ :
राज्यों की विधान सभाओं में आंग्ल- भारतीय समुदाय का प्रतिनिधित्व ।
अनुच्छेद १७० में किसी बात के होते हुए भी, यदि किसी राज्य के राज्यपाल १.(***) की यह राय है कि उस राज्य की विधान सभा में आंग्ल-भारतीय समुदाय का प्रतिनिधित्व आवश्यक है और उसमें उसका प्रतिनिधित्व पर्याप्त नहीं है तो वह उस विधान सभा में २.(उस समुदाय का एक सदस्य नामनिर्देशित कर सकेगा ।)
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१.संविधान (सातवां संशोधन) अधिनियम, १९५६ की धारा २९ और अनुसूची द्वारा या राजप्रमुख शब्दों का लोप किया गया ।
२.संविधान (तेईसवां संशोधन) अधिनियम, १९६९ की धारा ४ द्वारा उस विधान सभा में उस समुदाय के जितने सदस्य वह समुचित समझे नामनिर्देशित कर सकेगा के स्थान पर प्रतिस्थापित ।