Constitution अनुच्छेद ८५ : संसद् के सत्र सत्रावसान और विघटन ।

भारत का संविधान
अनुच्छेद ८५ :
१.(संसद् के सत्र सत्रावसान और विघटन ।
१) राष्ट्रपति समय- समय पर, संसद् के प्रत्येक सदन को ऐसे समय और स्थान पर, जो वह ठीक समझे, अधिवेशन के लिए आहूत करेगा, किन्तु उसके एक सत्र की अंतिम बैठक और आगामी सत्र की प्रथम बैठक के लिए नियत तारीख के बीच छह मास का अंतर नहीं होगा ।
२)राष्ट्रपति, समय -समय पर-
क) सदनों का या किसी सदन का सत्रावसान कर सकेगा;
ख)लोक सभा का विघटन कर सकेगा ।)
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१.संविधान (पहला संशोधन) अधिनियम, १९५१ की धारा ६ द्वारा अनुच्छेद ८५ के स्थान पर प्रतिस्थापित ।

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