भारत का संविधान
अनुच्छेद ३९-क :
१.(समान न्याय और नि:शुल्क विधिक सहायता ।
राज्य यह सुनिश्चित करेगा कि विधिक तंत्र इस प्रकार काम करे कि समान अवसर के आधार पर न्याय सुलभ हो और वह, विशिष्टतया, यह सुनिश्चित करने के लिए कि आर्थिक या किसी अन्य निर्योग्यता के कारण कोई नागरिक न्याय प्राप्त करने के अवसर से वंचित न रह जाए, उपयुक्त विधान या स्कीम द्वारा या किसी अन्य रीति से नि:शुल्क विधिक सहायता की व्यवस्था करेगा। )
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१.संविधान (बयालीसवां संशोधन) अधिनियम, १९७६ की धारा ८ द्वारा (३-१-१९७७ से) अंत: स्थापित ।