भारत का संविधान
अनुच्छेद ३५०ख :
१.(भाषाई अल्पसंख्यक – वर्गों के लिए विशेष अधिकारी ।
१)भाषाई अल्पसंख्यक- वर्गों के लिए एक विशेष अधिकारी होगा जिसे राष्ट्रपति नियुक्त करेगा ।
२) विशेष अधिकारी का यह कर्तव्य होगा कि वह इस संविधान के अधीन भाषाई अल्पसंख्यक-वर्गों के लिए उपबंधित रक्षोपायों से संबंधित सभी विषयों का अन्वेषण करे और उन विषयों के संबंध में ऐसे अंतरालों पर जो राष्ट्रपति निर्दिष्ट करे, राष्ट्रपति को प्रतिवेदन दे और राष्ट्रपति ऐसे प्रतिवेदनों को संसद् के प्रत्येक सदन के समक्ष रखवाएगा और संबंधित राज्यों की सरकारों को भिजवाएगा । )
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१.संविधान (सातवा संशोधन) अधिनियम, १९५६ की धारा २१ द्वारा अंत:स्थापित ।
भारताचे संविधान ( राज्यघटना )
अनुच्छेद ३५०-ख :
१.(भाषिक अल्पसंख्याक समाजाकरता विशेष अधिकारी :
(१) भाषिक अल्पसंख्याक समाजाकरता एक विशेष अधिकारी असेल व तो राष्ट्रपतीने नियुक्त करावयाचा असेल.
(२) भाषिक अल्पसंख्याक समाजाकरता या संविधानाअन्वये तरतूद केलेल्या संरक्षक उपाययोजनांसंबंधीच्या सर्व बाबींचे अन्वेषण करणे व राष्ट्रपती निदेश देईल अशा नियत कालांतरागणिक त्या बाबींसंबंधी राष्ट्रपतीला अहवाल देणे, हे विशेष अधिकाऱ्याचे कर्तव्य असेल आणि राष्ट्रपती, असे सर्व अहवाल संसदेच्या प्रत्येक सभागृहासमोर ठेवण्याची आणि संबंधित राज्यांच्या शासनाकडे पाठवण्याची व्यवस्था करील.)
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१. संविधान (सातवी सुधारणा) अधिनियम, १९५६ याच्या कलम २१ द्वारे समाविष्ट केला.