Constitution अनुच्छेद २३९ क : कुछ संघ राज्यक्षेत्रों के लिए स्थानीय विधान – मंडलों या मंत्रिपरिषदों का या दोनों का सृजन ।

भारत का संविधान
अनुच्छेद २३९ क :
१.(कुछ संघ राज्यक्षेत्रों के लिए स्थानीय विधान – मंडलों या मंत्रिपरिषदों का या दोनों का सृजन ।
(१) संसद्, विधि द्वारा २.(३.पुडुचेरी (*)), संघ राज्यक्षेत्र के लिए,) –
क) उस संघ राज्यक्षेत्र के विधान-मंडल के रूप में कार्य करने के लिए निर्वाचित या भागत: नामनिेर्देशित और भागत: निर्वाचित निकाय का, या
ख)मंत्रिपरिषद् का,
या दोनों का सृजन कर सकेगी, जिनमें से प्रत्येक का गठन, शक्तियां और कृत्य वे होंगे जो उस विधि में विनिर्दिष्ट किए जाएं ।
२) खंड (१) में निर्दिष्ट विधि को, अनुच्छेद ३६८ के प्रयोजनों के लिए इस संविधान का संशोधन इस बात के होते हुए भी नहीं समझा जाएगा कि उसमें कोई ऐसा उपबंध अंतर्विष्ट है जो इस संविधान का संशोधन करता है या संशोधन करने का प्रभाव रखता है। )
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१.संविधान (चौदहवां संशोधन) अधिनियम, १९६२ की धारा ४ द्वारा अंत:स्थापित ।
२.गोवा, दमण और दीव पुनर्गठन अधिनियम, १९८७ (१९८७ का १८) की धारा ६३ द्वारा (३०-५-१९८७ से ) गोवा, दमण और दीव, और पांडिचेरी संघ राज्यक्षेत्रों में से किसी के लिए शब्दों के स्थान पर प्रतिस्थापित।
३.पांडिचेरी (नाम परिवर्तन) अधिनियम, २००६ (२००६ का ४४ ) की धारा ४ द्वारा (१-१०-२००६ से ) पांडिचेरी के स्थान पर प्रतिस्थापित ।
*. जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, २०१९ (२०१९ का ३४) धारा १३ द्वारा अनुच्छेद २३९अ को जम्मू और कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश पर (३१-१०-२०१९ से) लागू किया गया है।

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