भारत का संविधान
अनुच्छेद ११३ :
संसद् में प्राक्कलनों के संबध में प्रक्रिया ।
१) प्राक्कलनों में से जितने प्राक्कलन भारत की संचित निधि पर भारित व्यय से संबंधित हैं वे संसद् में मतदान के लिए नहीं रखे जाएंगे, किन्तु इस खंड की किसी बात का यह अर्थ नहीं लगाया जाएगा कि वह संसद् के किसी सदन में उन प्राक्कलनों में से किसी प्राक्तलन पर चर्चा को निवारित करती है ।
२) उक्त प्राक्कलनों में से जितने प्राक्कलन अन्य व्यय से संबंधित हैं वे लोक सभा के समक्ष अनुदानों की मांगों के रूप में रखे जाएंगे और लोक सभा को शक्ति होगी कि वह किसी मांग को अनुमति दे या अनुमति देने से इंकार कर दे अथवा किसी मांग को, उसमें विनिर्दिष्ट रक्कम को कम करके, अनुमति दे ।
३) किसी अनुदान की मांग राष्ट्रपति की सिफारिश पर ही की जाएगी, अन्यथा नहीं ।