Bns 2023 धारा ५८ : मृत्यु या आजीवन कारावास से दण्डनीय अपराध करने की परिकल्पना को छिपाना :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा ५८ : मृत्यु या आजीवन कारावास से दण्डनीय अपराध करने की परिकल्पना को छिपाना : धारा : ५८ अपराध का वर्गीकरण : अपराध : (क) मृत्यु या आजीवन कारावास से दंडनीय अपराध करने की परिकल्पना को छिपाना, यदि अपराध कर…

Continue ReadingBns 2023 धारा ५८ : मृत्यु या आजीवन कारावास से दण्डनीय अपराध करने की परिकल्पना को छिपाना :

Bns 2023 धारा ५७ : लोक साधारण (जनता) द्वारा या दस से अधिक व्यक्तियों द्वारा अपराध किए जाने का दुष्प्रेरण :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा ५७ : लोक साधारण (जनता) द्वारा या दस से अधिक व्यक्तियों द्वारा अपराध किए जाने का दुष्प्रेरण : धारा : ५७ अपराध का वर्गीकरण : अपराध : लोक साधारण द्वारा या दस से अधिक व्यक्तियों द्वारा अपराध किए जाने का…

Continue ReadingBns 2023 धारा ५७ : लोक साधारण (जनता) द्वारा या दस से अधिक व्यक्तियों द्वारा अपराध किए जाने का दुष्प्रेरण :

Bns 2023 धारा ५६ : कारावास से दण्डनीय अपराध का दुष्प्रेरण :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा ५६ : कारावास से दण्डनीय अपराध का दुष्प्रेरण : धारा : ५६ अपराध का वर्गीकरण : अपराध : कारावास से दंडनीय अपराध का दुष्प्रेरण, यदि दुष्प्रेरण के परिणामस्वरुप अपराध नहीं किया जाता है । दण्ड : उस दीर्घतम अवधि के…

Continue ReadingBns 2023 धारा ५६ : कारावास से दण्डनीय अपराध का दुष्प्रेरण :

Bns 2023 धारा ५५ : मृत्यू या आजीवन कारावास से दण्डनीय अपराध का दुष्प्रेरण :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा ५५ : मृत्यू या आजीवन कारावास से दण्डनीय अपराध का दुष्प्रेरण : धारा ५५ : अपराध का वर्गीकरण : अपराध : मृत्यु या आजीवन कारावास से दंडनीय अपराध का दुष्प्रेरण, यदि दुष्प्रेरण के परिणामस्वरुप अपराध नहीं किया जाता । दण्ड…

Continue ReadingBns 2023 धारा ५५ : मृत्यू या आजीवन कारावास से दण्डनीय अपराध का दुष्प्रेरण :

Bns 2023 धारा ५४ : अपराध किए जाते समय दुष्प्रेरक की उपस्थिति :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा ५४ : अपराध किए जाते समय दुष्प्रेरक की उपस्थिति : धारा : ५४ अपराध का वर्गीकरण : अपराध : किसी अपराध का दुष्प्रेरण, यदि दुष्प्रेरक अपराध किए जाते समय उपस्थित है । दण्ड : वही दण्ड जो किए गए अपराध…

Continue ReadingBns 2023 धारा ५४ : अपराध किए जाते समय दुष्प्रेरक की उपस्थिति :

Bns 2023 धारा ५३ : दुष्प्रेरित कार्य कारित उस प्रभाव के लिए दुष्प्रेरक का दायित्व जो दुष्प्रेरक द्वारा आशयित से भिन्न हो :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा ५३ : दुष्प्रेरित कार्य कारित उस प्रभाव के लिए दुष्प्रेरक का दायित्व जो दुष्प्रेरक द्वारा आशयित से भिन्न हो : धारा ५३ : अपराध का वर्गीकरण : अपराध : किसी अपराध का दुष्प्रेरण, जब दुष्पेरित कार्य से ऐसा प्रभाव पैदा…

Continue ReadingBns 2023 धारा ५३ : दुष्प्रेरित कार्य कारित उस प्रभाव के लिए दुष्प्रेरक का दायित्व जो दुष्प्रेरक द्वारा आशयित से भिन्न हो :

Bns 2023 धारा ५२ : दुष्प्रेरित कार्य के लिए और किए गए कार्य के लिए आकलित दण्ड से दुष्प्रेरक कब दण्डनीय है :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा ५२ : दुष्प्रेरित कार्य के लिए और किए गए कार्य के लिए आकलित दण्ड से दुष्प्रेरक कब दण्डनीय है : धारा : ५२ अपराध का वर्गीकरण : अपराध : दुष्प्रेरक कब दुष्प्ररित कार्य के लिए और किए गए कार्य के…

Continue ReadingBns 2023 धारा ५२ : दुष्प्रेरित कार्य के लिए और किए गए कार्य के लिए आकलित दण्ड से दुष्प्रेरक कब दण्डनीय है :

Bns 2023 धारा ५१ : जब एक कार्य का दुष्प्रेरण किया गया है और उससे भिन्न कार्य किया गया है तब दुष्प्रेरक का दायित्व :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा ५१ : जब एक कार्य का दुष्प्रेरण किया गया है और उससे भिन्न कार्य किया गया है तब दुष्प्रेरक का दायित्व : धारा : ५१ अपराध का वर्गीकरण : अपराध : किसी अपराध का दुष्प्रेरण, जब एक कार्य का दुष्प्रेरण…

Continue ReadingBns 2023 धारा ५१ : जब एक कार्य का दुष्प्रेरण किया गया है और उससे भिन्न कार्य किया गया है तब दुष्प्रेरक का दायित्व :

Bns 2023 धारा ५० : यदि दुष्प्रेरित व्यक्ती दुष्प्रेरक के आशय से भिन्न आशय से कार्य करता है, तब दुष्प्रेरण का दंड :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा ५० : यदि दुष्प्रेरित व्यक्ती दुष्प्रेरक के आशय से भिन्न आशय से कार्य करता है, तब दुष्प्रेरण का दंड : धारा : ५० अपराध का वर्गीकरण : अपराध : किसी अपराध का दुष्प्रेरण, यदि दुष्प्रेरित व्यक्ति दुष्प्रेरक के आशय से…

Continue ReadingBns 2023 धारा ५० : यदि दुष्प्रेरित व्यक्ती दुष्प्रेरक के आशय से भिन्न आशय से कार्य करता है, तब दुष्प्रेरण का दंड :

Bns 2023 धारा ४९ : यदि दुष्प्रेरित कार्य उसके परिणामस्वरुप किया जाए, और जहां कि उसके दण्ड के लिए कोई अभिव्यक्त उपबंध नहीं है, तब दुष्प्रेरण का दण्ड :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा ४९ : यदि दुष्प्रेरित कार्य उसके परिणामस्वरुप किया जाए, और जहां कि उसके दण्ड के लिए कोई अभिव्यक्त उपबंध नहीं है, तब दुष्प्रेरण का दण्ड : धारा : ४९ अपराध का वर्गीकरण : अपराध : किसी अपराध का दुष्प्रेरण, यदि…

Continue ReadingBns 2023 धारा ४९ : यदि दुष्प्रेरित कार्य उसके परिणामस्वरुप किया जाए, और जहां कि उसके दण्ड के लिए कोई अभिव्यक्त उपबंध नहीं है, तब दुष्प्रेरण का दण्ड :

Bns 2023 धारा ४८ : भारत में अपराधों का भारत से बाहर दुष्प्रेरण :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा ४८ : भारत में अपराधों का भारत से बाहर दुष्प्रेरण : वह व्यक्ती इस संहिता के अर्थ के अन्तर्गत अपराथ का दुष्प्रेरण करता है, जो भारत में किसी ऐसे कार्य के किए जाने का भारत से बाहर उससे परे दुष्प्रेरण…

Continue ReadingBns 2023 धारा ४८ : भारत में अपराधों का भारत से बाहर दुष्प्रेरण :

Bns 2023 धारा ४७ : भारत से बाहर के अपराधों का भारत में दुष्प्रेरण :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा ४७ : भारत से बाहर के अपराधों का भारत में दुष्प्रेरण : वह व्यक्ती इस संहिता के अर्थ के अन्तर्गत अपराथ का दुष्प्रेरण करता है, जो भारत से बाहर और उससे परे किसी ऐसे कार्य के किए जाने का भारत…

Continue ReadingBns 2023 धारा ४७ : भारत से बाहर के अपराधों का भारत में दुष्प्रेरण :

Bns 2023 धारा ४६ : दुष्प्रेरक (वह जो अपराध का कारित करना दुष्प्रेरित करे) :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा ४६ : दुष्प्रेरक (वह जो अपराध का कारित करना दुष्प्रेरित करे) : वह व्यक्ति अपराध का दुष्प्रेरण करता है, जो अपराध के किए जाने का दुष्प्रेरण करता है या ऐसे कार्य के किए जाने का दुष्प्रेरण करता है, जो अपराध…

Continue ReadingBns 2023 धारा ४६ : दुष्प्रेरक (वह जो अपराध का कारित करना दुष्प्रेरित करे) :

Bns 2023 धारा ४५ : किसी बात का दुष्प्रेरण (उकसाना) :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ अध्याय ४ : दुष्प्रेरण, आपराधिक षड्यंत्र और प्रयास के विषय में : दुष्प्रेरण के विषय में : धारा ४५ : किसी बात का दुष्प्रेरण (उकसाना) : वह व्यक्ती किसी बात के किए जाने का दुष्प्रेरण (उकसाना) करता है, जो - (a)…

Continue ReadingBns 2023 धारा ४५ : किसी बात का दुष्प्रेरण (उकसाना) :

Bns 2023 धारा ४४ : घातक हमले के विरुद्ध निजी (प्राइवेट) प्रतिरक्षा का अधिकार जबकि निर्दोष व्यक्ती को अपहानि होने की जोखिम है :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा ४४ : घातक हमले के विरुद्ध निजी (प्राइवेट) प्रतिरक्षा का अधिकार जबकि निर्दोष व्यक्ती को अपहानि होने की जोखिम है : जिस हमले से मृत्यु की आशंका युक्तियुक्त (सर्व मान्य) रुप से कारित होती है उसके विरुद्ध निजी (प्राइवेट) प्रतिरक्षा…

Continue ReadingBns 2023 धारा ४४ : घातक हमले के विरुद्ध निजी (प्राइवेट) प्रतिरक्षा का अधिकार जबकि निर्दोष व्यक्ती को अपहानि होने की जोखिम है :

Bns 2023 धारा ४३ : संपत्ती की निजी (प्राइवेट) प्रतिरक्षा के अधिकार का प्रारंभ और बना रहना :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा ४३ : संपत्ती की निजी (प्राइवेट) प्रतिरक्षा के अधिकार का प्रारंभ और बना रहना : संपत्ति की निजी (प्राइवेट) प्रतिरक्षा का अधिकार,- (a) क) तब प्रारंभ होता है, जब संपत्ति के संकट की युक्तियुक्त (सर्व मान्य) आशंका प्रारंभ होती है…

Continue ReadingBns 2023 धारा ४३ : संपत्ती की निजी (प्राइवेट) प्रतिरक्षा के अधिकार का प्रारंभ और बना रहना :

Bns 2023 धारा ४२ : कब ऐसे अधिकार का विस्तार मृत्यू से भिन्न कोई अपहानि कारित करने तक का होता है :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा ४२ : कब ऐसे अधिकार का विस्तार मृत्यू से भिन्न कोई अपहानि कारित करने तक का होता है : यदी वह अपराध, जिसके किए जाने या जिसके किए जाने के प्रयत्न से निजी (प्राइवेट) प्रतिरक्षा के अधिकार के प्रयोग का…

Continue ReadingBns 2023 धारा ४२ : कब ऐसे अधिकार का विस्तार मृत्यू से भिन्न कोई अपहानि कारित करने तक का होता है :

Bns 2023 धारा ४१ : कब संपत्ती की निजी (प्राइवेट) प्रतिरक्षा के अधिकार का विस्तार मृत्यूकारित करने तक का होता है :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा ४१ : कब संपत्ती की निजी (प्राइवेट) प्रतिरक्षा के अधिकार का विस्तार मृत्यूकारित करने तक का होता है : संपत्ति की निजी (प्राइवेट) प्रतिरक्षा के अधिकार का विस्तार, धारा ३७ में वर्णित निर्बंधनों के अध्यधीन दोषकर्ता की मृत्यू या अन्य…

Continue ReadingBns 2023 धारा ४१ : कब संपत्ती की निजी (प्राइवेट) प्रतिरक्षा के अधिकार का विस्तार मृत्यूकारित करने तक का होता है :

Bns 2023 धारा ४० : शरीर की निजी (प्राइवेट) प्रतिरक्षा के अधिकार का प्रारंभ और बना रहना :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा ४० : शरीर की निजी (प्राइवेट) प्रतिरक्षा के अधिकार का प्रारंभ और बना रहना : शरीर की निजी (प्राइवेट) प्रतिरक्षा का अधिकार उसी क्षण प्रारंभ (शुरु) हो जाता है, जब अपराध करने के प्रयत्न या धमकीं से शरीर के संकट…

Continue ReadingBns 2023 धारा ४० : शरीर की निजी (प्राइवेट) प्रतिरक्षा के अधिकार का प्रारंभ और बना रहना :

Bns 2023 धारा ३९ : कब ऐसे अधिकार (शरीर की निजी (प्राइवेट) प्रतिरक्षा) का विस्तार मृत्यू से भिन्न कोई अपहानि कारित करने तक का होता है :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा ३९ : कब ऐसे अधिकार (शरीर की निजी (प्राइवेट) प्रतिरक्षा) का विस्तार मृत्यू से भिन्न कोई अपहानि कारित करने तक का होता है : यदि अपराध पूर्वगामी (इससे पहले) अंतिम धारा ३८ में प्रगणित भांतियों में से किसी भांति का…

Continue ReadingBns 2023 धारा ३९ : कब ऐसे अधिकार (शरीर की निजी (प्राइवेट) प्रतिरक्षा) का विस्तार मृत्यू से भिन्न कोई अपहानि कारित करने तक का होता है :