भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३
धारा ४९२ :
बंधपत्र और जमानत पत्र का रद्दकरण :
धारा ४९१ के उपबंधों पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना, जहाँ इस संहिता के अधीन कोई बंधपत्र या जमानतपत्र किसी मामले में हाजिर होने के लिए है और उसकी किसी शर्त के भंग होने के कारण उसका समपहरण हो जाता है, वहाँ
(a) क) ऐसे व्यक्ति द्वारा निष्पादित बंधपत्र तथा उस मामले में उसके प्रतिभुओं द्वारा निष्पादित एक या अधिक बंधपत्र भी, यदि कोई हों, रद्द हो जाएँगे; और
(b) ख) तत्पश्चात् ऐसा कोई व्यक्ति, उस मामले में केवल अपने ही बंधपत्र पर छोडा नहीं जाएगा यदि, यथास्थिति, पुलिस अधिकारी या न्यायालय का, जिसके समक्ष हाजिर होने के लिए बंधपत्र निष्पादित किया गया था, यह समाधान हो जाता है कि बंधपत्र की शर्त का अनुपालन करने में असफल रहने के लिए बंधपत्र से आबद्ध व्यक्ति के पास कोई पर्याप्त कारण नहीं था :
परन्तु इस संहिता के किसी अन्य उपबंध के अधीन रहते हुए, उसे उस मामले में उस दशा में छोडा जा सकता है जब वह ऐसी धनराशि के लिए कोई न्याय व्यक्तिगत बंधपत्र निष्पादित कर दे और ऐसे एक या अधिक प्रतिभुओं से बंधपत्र निष्पादित करा दे, जो यथास्थिति, पुलिस अधिकारी या न्यायालय पर्याप्त समझे ।
