आयुध अधिनियम १९५९
धारा २९ :
जानते हुए अनुज्ञप्ति रहित से आयुध आदि क्रय करने के लिए या आयुध आदि ऐसे व्यक्ति को परिदत्त करने के लिए जो उन्हें कब्जे में रखने का हकदार न हो, दंड :
जो कोई –
(a)क) किसी अन्य व्यक्ति से ऐसे वर्ग या वर्णन के कोई भी अग्न्यायुध या कोई भी अन्य आयुध, जैसे विहित किए जाएं, या कोई गोलाबारुद यह जानते हुए क्रय करेगा कि ऐसा अन्य व्यक्ति धारा ५ के अधीन अनुज्ञप्त या प्राधिकृत नहीं है; या
(b)ख) कोई आयुध या गोलाबारुद किसी अन्य व्यक्ति के कब्जे में पहले से इस बात का अभिनिश्चय किए बिना परिदत्त करेगा कि ऐसा अन्य व्यक्ति उन्हें इस अधिनियम या किसी अन्य तत्समय प्रवृत्त विधि के आधार पर अपने कब्जे में रखने का हकदार है और अपने कब्जे में रखने से इस अधिनियम या ऐसी अन्य विधि द्वारा प्रतिषिद्ध नहीं है,
वह कारावास से, १.( जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डनीय होगा) ।
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१. १९८३ के अधिनियम सं. २५ की धारा ११ द्वारा (२२-६-१९८३ से) कतिपय शब्दों के स्थान पर प्रतिस्थापित ।
