आयुध अधिनियम १९५९
धारा ४५ :
अधिनियम का कतिपय दशाओं में लागू न होना :
इस अधिनियम की कोई भी बात, निम्नलिखित को लागू नहीं होगी –
(a)क)(अ) आयुध या गोलाबारुद को, जो किसी समुद्रगामी जलयान या किसी वायुयान के फलक पर हो या जो ऐसे जलयान या वायुयान के मामूली आयुधादि या उपस्कर का भाग हो ;
(b)ख)(ब) (एक) केन्द्रीय सरकार के आदेशों द्वारा या के अधीन, या
दो) किसी लोक सेवक द्वारा ऐसे लोक सेवक के नाते अपने कर्तव्य की चर्या में, या
तीन) राष्ट्रीय कैडेट कोर अधिनियम १९४८ (१९४८ का ३१) के अधीन समुत्थापित और बने रखे गए राष्ट्रीय कैडेट कोर के सदस्य द्वारा या प्रादेशिक सेना अधिनियम १९४८ (१९४८ का ५६) के अधीन समुत्थापित और बनी रखी गई प्रादेशिक सेना के किसी आफिसर या भर्ती किए गए व्यक्ति द्वारा, या किन्हीं भी अन्य बलों के, जो किसी केन्द्रीय अधिनियम के अधीन समुत्थापित किए और बने रखे गए हों या जो एतत्पश्चात् समुत्थापित किए और बने रखे जाएं किसी भी सदस्य द्वारा या ऐसे अन्य बलों के, जिन्हें केन्द्रीय सरकार शासकीय राजपत्र में अधिसूचना द्वारा विनिर्दिष्ट करे, किसी सदस्य द्वारा ऐसे सदस्य, आफिसर या भर्ती किए गए व्यक्ति की हैसियत में अपने कर्तव्यों की चर्या में,
आयुध या गोलाबारुद का अर्जन, कब्जा या वहन करने, उसके विनिर्माण, मरम्मत, संपरिवर्तन, परख या परिसिद्धि, विक्रय या अन्तरण या आयात या निर्यात या परिवहन को;
(c)ग)(क) अप्रचलित प्रकार के या पौरातनिक मूल्य के या बेमरम्मती शस्त्र को, जो चाहे मरम्मत होने पर या बिना मरम्मत अग्न्यायुध के तौर पर उपयोग में लाए जाने के योग्य न हों ;
(d)घ)(ड) आयुध या गोलाबारुद के क्षुद्र भागों के, जो उस या किसी अन्य व्यक्ति द्वारा अर्जित या कब्जे में रखे गए पूरक भागों के साथ उपयोग में लाए जाने के लिए आशयित न हों, किसी व्यक्ति द्वारा अर्जन, कब्जा या वहन करने को ।