आयुध अधिनियम १९५९
धारा ४१ :
छूट देने की शक्ति :
जहां केन्द्रीय सरकार की यह राय हो कि लोक हित में ऐसा करना आवश्यक या समीचीन है वहां वह शासकीय राजपत्र में अधिसूचना द्वारा, और ऐसी शर्तो के, यदि कोई हों, अध्यधीन, जैसी कि वह उस अधिसूचना में, विनिर्दिष्ट करे, –
(a)क) इस अधिनियम के सब या किन्हीं उपबंधों के प्रवर्तन से, २.(किसी व्यक्ति या व्यक्तियों के वर्ग को (या तो साधरणतया या ऐसे वर्णन के आयुधों और गोलाबारुद के संबंध में, जो अधिसूचना में विनिर्दिष्ट किए जाएं) छूट दे सकेगी) या किसी वर्जन के आयुधों या गोलाबारुद को अपवर्जित में कर सकेगी या भारत के किसी भाग को प्रत्याऱ्हत कर सकेगी ; और
(b)ख) कितनी ही बार किसी ऐसी अधिसूचना को रद्द कर सकेगी और वैसी ही अधिसूचना द्वारा उस व्यक्ति या व्यक्तियों के वर्ग या उस वर्णन के आयुधों और गोलाबारुद को या भारत के उस भाग को पुन: ऐसे उपबंधों के प्रवर्तन के अध्यधीन बना सकेगी ।
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१. १९८३ के अधिनियम सं. २५ की धारा १५ द्वारा (२२-६-१९८३ से) किसी व्यक्ति या व्यक्तियों के वर्ग को छूट दे सकेगी के स्थान पर प्रतिस्थापित ।