Arms act धारा २ : परिभाषाएं और निर्वचन :

आयुध अधिनियम १९५९
धारा २ :
परिभाषाएं और निर्वचन :
१) इस अधिनियम में, जब तक कि संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो, –
(a)क) अपने व्याकरणिक रुपभेदों और सजातीय पदों सहित अर्जन के अन्तर्गत भाडे पर लेना, उधार लेना या दान के रुप में प्रतिगृहीत करना आता है ;
(b)ख) गोलाबारुद से किसी अग्न्यायुध के लिए गोलाबारुद अभिप्रेत है तथा इसके अन्तर्गत –
एक) रोकट, बम, ग्रेनेड, गोला १.(और अन्य अस्त्र,)
दो) टारपीडो को काम में लाने और अन्त:समुद्री सुरंगे बिछाने के लिए परिकल्पित वस्तुएं,
तीन) विस्फोटक, स्फूर्जनकारी या विखंडनीय सामग्री या अपायकर द्रव, गैस या अन्य ऐसी चीज को अन्तर्विष्ट रखने वाली या अन्तर्विष्ट रखने के लिए परिकल्पित अन्य वस्तुएं, चाहे व अग्न्यायुधों के साथ उपयोग के योग्य हों या न हों,
चार) अग्न्यायुधों के लिए भरण और ऐसे भरणों के लिए उपसाधन,
पांच) पलीते और घर्षण नलिकाएं,
छह) गोलाबारुद के संघटक और उसके विनिर्माण के लिए मशीनरी, और
सात) गोलाबारुद के ऐसे संघटक जिन्हें केन्द्रीय सरकार, शासकीय राजपत्र में अधिसूचना द्वारा इस निमित्त विनिर्दिष्ट करे,
आते है;
(c)ग) आयध से आक्रमण या प्रतिरक्षा के लिए शस्त्रों के रुप में परिकल्पित या अनुकूलित किसी भी वर्णन की वस्तुएं अभिप्रेत है और अग्न्यायुध, तीक्ष्ण धार वाले और अन्य घातक शस्त्र और आयुधों के भाग और उनके विनिर्माण के लिए मशीनरी इसके अन्तर्गत आते है किन्तु केवल घरेलू या कृषिक उपयोगों के लिए परिकल्पित वस्तुएं, जैसे लाठी या मामूली छडी तथा वे शस्त्र जो खिलौनों से भिन्न रुप में उपयोग में लाए जाने के लिए या काम के शस्त्रों में संपरिवर्तित किए जाने के लिए अनुपयुक्त हों, इसके अन्तर्गत नहीं आते र्हैं;
(d)२.(घ) किसी एसे क्षेत्र के संबंध में, जिसके लिए पुलिस आयुक्त नियुक्त किया गया हो जिला मजिस्ट्रेट से उस क्षेत्र का पुलिस आयुक्त अभिप्रेत है और ऐसे पूर्ण क्षेत्र या उसके किसी भाग पर अधिकारिता का प्रयोग करने वाला ऐसा पुलिस उपायुक्त जिसे राज्य सरकार ऐसे क्षेत्र या भाग के संबंध में इस निमित्त विनिर्दिष्ट करे, इसके अन्तर्गत आता है 😉
(e)ङ) अग्न्यायुधों से किसी विस्फोटक या अन्य प्रकारों की ऊर्जा की क्रिया से किसी भी प्रकार के प्रक्षेप्य या प्रक्षेप्यों को चलाने के लिए परिकल्पित या अनुकूलित किसी भी वर्णन के शस्त्र अभिप्रेत है, तथा,-
एक) तोपें, हथगोले, रायट-पिस्तोंलें या किसी भी अपायकर द्रव, गैस या अन्य ऐसी चीज को छोडने के लिए परिकल्पित या अनुकूलित किसी भी प्रकार के शस्त्र,
दो) किसी भी ऐसे अग्न्यायुध को चलाने से हुई आवाज या चमक को कम करने के लिए परिकल्पित या अनुकूलित उसके उपसाधन,
तीन) अग्न्यायुधों के भाग और उन्हें विनिर्मित करने के लिए मशीनरी, तथा
चार) तोपों को चढाने, उनका परिवहन करने और उन्हें काम कें लाने के लिए गाडियां, मंच और साधित्र,
इसके अन्तर्गत आते है ;
(ea)३.(ङक) अनुज्ञप्ति से इस अधिनियम और उसके अधीन बनाए गए नियमों के उपबंधों के अनुसार जारी कोई अनुज्ञप्ति अभिप्रेत है और इसके अंतर्गत इलैक्ट्रानिक रुप में जारी कोई अनुज्ञप्ति भी है ।)
(f)च) अनुज्ञापन प्राधिकारी से इस अधिनियम के अधीन बनाए गए नियमों के अधीन अनुज्ञप्ति का अनुदान या नवीकरण करनेके लिए सशक्त आफिसर या प्राधिकारी अभिप्रेत है, और इसके अन्तर्गत सरकार आती है ;
(ff)३.(चच) मजिस्ट्रेट से दंड प्रक्रिया संहिता १९७३ (१९७४ का २) के अधीन कार्यपालक मजिस्ट्रेट अभिप्रेत है;)
(g)छ) विहित से इस अधिनियम के अधीन बनाए गए नियमों द्वारा विहित अभिप्रेत है ;
(h)ज) प्रतिषिद्ध गोलाबारुद से किसी भी अपायकर द्रव, गैस या अन्य ऐसी चीज को अन्तर्विष्ट रखने वाला, या अन्तर्विष्ट रखने के लिए परिकल्पित या अनुकूलित कोई भी गोलाबारुद अभिप्रेत है और रोकट, बम, ग्रेनेड, गोला, ४.(अस्त्र), टारपीडो को काम में लाने और अन्त:समुद्री सुरंगें बिछाने के लिए परिकल्पित वस्तुएं और ऐसी अन्य वस्तुएं जिन्हें केन्द्रीय सरकार शासकीय राजपत्र में अधिसूचना द्वारा प्रतिषिद्ध गोलाबारुद होना विनिर्दिष्ट करे, इसके अन्तर्गत आती हैं ;
(i)झ) प्रतिषिद्ध आयुधां से –
एक) वे अग्न्यायुध जो इस प्रकार परिकल्पित या अनुकूलित हों कि यदि घोडे पर दबाव डाला जाए, तो जब तक दबाव घोडे पर से हटा न लिया जाए, या अस्त्रों को अन्तर्विष्ट रखने वाला मैगजीन खाली न हो जाए, अस्त्र छूटते रहें, अथवा
दो) किसी भी वर्णन के वे शस्त्र जो किसी भी अपायकर, द्रव, गैस या ऐसी ही अन्य चीज को छोडने के लिए परिकल्पित या अनुकूलित हों, अभिप्रेत हैं,
और इनके अन्तर्गत तोपें, वायुयान भेदी और टैंक भेदी अग्न्यायुध और ऐसे अन्य आयुध आते हैं, जैसे केन्द्रीय सरकार शासकीय राजपत्र में अधिसूचना द्वारा प्रतिषिद्ध आयुध होना विनिर्दिष्ट करे ;
(j)ञ) लोक सेवक का वही अर्थ है, जो भारतीय दण्ड संहिता (१८६० का ४५) की धारा २१ में है ;
(k)ट) अपने व्याकरणिक रुपभेदों और सजातीय पदों सहित, अन्तरण के अन्तर्गत भाडे पर देना, उधार देना, कब्जा देना और कब्जा विलग करना आता है ।
२) इस अधिनियम के प्रयोजनों के लिए अग्न्यायुध की नाल की लम्बाई, नालमुख से लेकर उस बिन्दु तक नापी जाएगी जिस पर फायर करने पर भरण का विस्फोट होता है ।
३) किसी क्षेत्र के संबंध में किसी ऐसी विधि के प्रति, जो उस क्षेत्र में प्रवृत्त नहीं है, इस अधिनियम में निर्देश का यह अर्थ लगाया जाएगा कि यदि उस क्षेत्र में कोई तत्स्थानी विधि प्रवृत्त है तो वह उसके प्रति निर्देश है ।
४) किसी क्षेत्र के संबंध में किसी ऐसे आफिसर या प्राधिकारी के प्रति, जिसके पदाभिधान का कोई आफिसर या प्राधिकारी उस क्षेत्र में नहीं है, इस अधिनियम में निर्देश का यह अर्थ लगाया जाएगा कि वह ऐसे आफिसर या प्राधिकारी के प्रति निर्देश है जो केन्द्रीय सरकार द्वारा शासकीय राजपत्र में अधिसूचना द्वारा विनिर्दिष्ट किया जाए ।
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१. १९८८ का अधिनियम सं. ४२ द्वारा (२७-५-१९८८ से ) प्रतिस्थापित ।
२. १९७१ के अधिनियम सं. ५५ की धारा २ द्वारा(१३-१२-१९७१ से) खंड (घ) के स्थान पर प्रतिस्थापित ।
३. २०१९ का अधिनियम सं. ४८ की धारा २ द्वारा (१४-१२-२०१९ से) उपधारा (१) में खंड (ङ) के पश्चात् अंत:स्थापित ।
४. १९८३ के अधिनियम सं. २५ की धारा २ द्वारा (२२-६-१९८३ से ) अन्त:स्थापित ।
५. १९८८ के अधिनियम सं. ४२ की धारा २ द्वारा (२७-५-१९८८ से ) अन्त:स्थापित ।

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