आयुध अधिनियम १९५९
धारा २६ :
१.(गुप्त उल्लंघन :
१) जो कोई धारा ३, ४, १० या १२ के उपबंधों में से किसी भी उपबंध के उल्लंघन में कोई कार्य ऐसी रीति से करेगा जिससे यह आशय उपदर्शित होता है कि ऐसा कार्य किसी लोक सेवक को या किसी रेल, विमान, जलयान, यान या प्रवहण के किसी भी अन्य साधन में नियोजित या काम करने वाले किसी व्यक्ति को ज्ञात न हो, वह कारावास से जिसकी अवधि छह मास से कम की नहीं होगी किन्तु जो सात वर्ष तक की हो सकेगी, तथा जुर्माने से भी, दण्डनीय होगा ।
२) जो कोई धारा ५, ६, ७ या ११ के उपबंधों में से किसी के भी उल्लंघन में कोई कार्य ऐसी रीति से करेगा जिससे यह आशय उपदर्शित होता हो कि ऐसा कार्य किसी लोक सेवक को या किसी रेल, विमान, जलयान, यान या प्रवहण के किसी भी अन्य साधन में नियोजित या काम करने वाले किसी व्यक्ति को ज्ञात न हो, वह कारावास से जिसकी अवधि पांच वर्ष से कम की नहीं होगी किंतु जो दस वर्ष तक की हो सकेगी, तथा जुर्माने से भी, दण्डनीय होगा ।
३) जो कोई धारा २२ के अधीन कोई तलाशी ली जाने पर किन्हीं आयुधों या गोलाबारुद को छिपाएगा या छिपाने का प्रयत्न करेगा, वह कारावास से जिसकी अवधि दस वर्ष तक हो सकेगी, तथा जुर्माने से भी, दण्डनीय होगा ।)
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१. १९८३ के अधिनियम सं. २५ की धारा ९ द्वारा (२२-६-१९८३ से) धारा २६ के स्थान पर प्रतिस्थापित ।