Ipc धारा २२० : प्राधिकार वाले व्यक्ती द्वारा, जो यह जानते है कि वह विधि के प्रतिकूल कार्य कर रहा है, विचारण के लिए परिरोध करने के लिए सुपुर्दगी :
भारतीय दण्ड संहिता १८६० धारा २२० : प्राधिकार वाले व्यक्ती द्वारा, जो यह जानते है कि वह विधि के प्रतिकूल कार्य कर रहा है, विचारण के लिए परिरोध करने के लिए सुपुर्दगी : (See section 258 of BNS 2023) अपराध का वर्गीकरण : अपराध :…