Ipc धारा २९५ क : १.(विमर्शित (जानबूझकर) विद्वेषपूर्ण कार्य जो किसी वर्ग के धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान कारक उसकी धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आशय से किए गए हों :
भारतीय दण्ड संहिता १८६० धारा २९५ क : १.(विमर्शित (जानबूझकर) विद्वेषपूर्ण कार्य जो किसी वर्ग के धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान कारक उसकी धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आशय से किए गए हों : (See section 299 of BNS 2023) अपराध का वर्गीकरण…