Constitution अनुच्छेद २५८ : कुछ दशाओं में राज्यों को शक्ति प्रदान करने आदि की संघ की शक्ति ।

भारत का संविधान अनुच्छेद २५८ : कुछ दशाओं में राज्यों को शक्ति प्रदान करने आदि की संघ की शक्ति । १) इस संविधान में किसी बात के होते हुए भी, राष्ट्रपति , किसी राज्य की सरकार की सहमति से उस सरकार को या उसके अधिकारियों…

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Constitution अनुच्छेद २५७ : कुछ दशाओं में राज्यों पर संघ का नियंत्रण ।

भारत का संविधान अनुच्छेद २५७ : कुछ दशाओं में राज्यों पर संघ का नियंत्रण । १) प्रत्येक राज्य की कार्यपालिका शक्ति का इस प्रकार प्रयोग किया जाएगा जिससे संघ की कार्यपालिका शक्ति के प्रयोग में कोई अडचन न हो या उस पर कोई प्रतिकूल प्रभाव…

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Constitution अनुच्छेद २५६ : राज्यों की और संघ की बाध्यता ।

भारत का संविधान अध्याय २ : प्रशासनिक संबंध : साधारण : अनुच्छेद २५६ : राज्यों की और संघ की बाध्यता । प्रत्येक राज्य की कार्यपालिका शक्ति का इस प्रकार प्रयोग किया जाएगा जिससे संसद् द्वारा गई विधियों का और ऐसी विद्यमान विधियों का, जो उस…

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Constitution अनुच्छेद २५५ : सिफारिशों और पूर्व मंजूरी के बारे में अपेक्षाओं को केवल प्रक्रिया के विषय मानना ।

भारत का संविधान अनुच्छेद २५५ : सिफारिशों और पूर्व मंजूरी के बारे में अपेक्षाओं को केवल प्रक्रिया के विषय मानना । यदि संसद् के या १(***) किसी राज्य के विधान मंडळ के किसी अधिनियम को - क)जहां राज्यपाल की सिफारिश अपेक्षित थी वहां राज्यपाल या…

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Constitution अनुच्छेद २५४ : संसद् द्वारा बनाई गई विधियों और राज्यों के विधान-मंडलों द्वारा बनाई गई विधियों में अंसगति ।

भारत का संविधान अनुच्छेद २५४ : संसद् द्वारा बनाई गई विधियों और राज्यों के विधान-मंडलों द्वारा बनाई गई विधियों में अंसगति । १) यदि किसी राज्य के विधान-मंडल द्वारा बनाई गई विधि का कोई उपबंध संसद् द्वारा बनाई गई विधि के, जिसे अधिनियमित करने के…

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Constitution अनुच्छेद २५३ : अंतर्राष्ट्रीय करारों को प्रभावी करने के लिए विधान ।

भारत का संविधान अनुच्छेद २५३ : अंतर्राष्ट्रीय करारों को प्रभावी करने के लिए विधान । इस अध्याय के पूर्वगामी उपबंधों में किसी बात के होते हुए भी, संसद् को किसी अन्य देश या देशों के साथ की गई किसी संधि, करार या अभिसमय अथवा किसी…

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Constitution अनुच्छेद २५२ : दो या अधिक राज्यों के लिए उनकी सहमति से विधि बनाने की संसद् की शक्ति और ऐसी विधि का किसी अन्य राज्य द्वारा अंगीकार किया जाना ।

भारत का संविधान अनुच्छेद २५२ : दो या अधिक राज्यों के लिए उनकी सहमति से विधि बनाने की संसद् की शक्ति और ऐसी विधि का किसी अन्य राज्य द्वारा अंगीकार किया जाना । १)यदि किन्हीं दो या अधिक राज्यों के विधान-मंडलों को यह वांछनीय प्रतीत…

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Constitution अनुच्छेद २५१ : संसद् द्वारा अनुच्छेद २४९ और अनुच्छेद २५० के अधीन बनाई गई विधियों और राज्यों के विधान-मंडलों द्वारा बनाई गई विधियों में असंगति ।

भारत का संविधान अनुच्छेद २५१ : संसद् द्वारा अनुच्छेद २४९ और अनुच्छेद २५० के अधीन बनाई गई विधियों और राज्यों के विधान-मंडलों द्वारा बनाई गई विधियों में असंगति । अनुच्छेद २४९ और अनुच्छेद २५० की कोई बात किसी राज्य के विधान-मंडल की ऐसी विधि बनाने…

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Constitution अनुच्छेद २५० : यदि आपात की उद्घोषणा प्रवर्तन में हो तो राज्य सूची में के विषय के संबंध में विधि बनाने की संसद् की शक्ति ।

भारत का संविधान अनुच्छेद २५० : यदि आपात की उद्घोषणा प्रवर्तन में हो तो राज्य सूची में के विषय के संबंध में विधि बनाने की संसद् की शक्ति । १) इस अध्याय में किसी बात के होते हुए भी, संसद् को, जब तक आपात की…

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Constitution अनुच्छेद २४९ : राज्य सूची में के विषय के संबंध में राष्ट्रीय हित में विधि बनाने की संसद् की शक्ति ।

भारत का संविधान अनुच्छेद २४९ : राज्य सूची में के विषय के संबंध में राष्ट्रीय हित में विधि बनाने की संसद् की शक्ति । १)इस अध्याय के पूर्वगामी उपबंधों में किसी बात के होते हुए भी, यदि राज्य सभा में उपस्थित और मत देने वाले…

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Constitution अनुच्छेद २४८ : अवशिष्ट विधायी शक्तियां ।

भारत का संविधान अनुच्छेद २४८ : अवशिष्ट विधायी शक्तियां । १)१.(अनुच्छेद २४६क के अधीन रहते हुए, संसद) को किसी ऐसे विषय के संबंध में, जो समवर्ती या राज्य में प्रगणित नहीं है, विधि बनाने की अनन्य शक्ति है । २)ऐसी शक्ति के अंतर्गत ऐसे कर…

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Constitution अनुच्छेद २४७ : कुछ अतिरिक्त न्यायालयों की स्थापना का उपबंध करने की संसद् की शक्ति ।

भारत का संविधान अनुच्छेद २४७ : कुछ अतिरिक्त न्यायालयों की स्थापना का उपबंध करने की संसद् की शक्ति । इस अध्याय में किसी बात के होते हुए भी, संसद् अपने द्वारा बनाई गई विधियों के या किसी विद्यमान विधि के, जो संघ सूची में प्रगणित…

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Constitution अनुच्छेद २४६क : माल और सेवा कर के संबंध में विशेष उपबंध :

भारत का संविधान अनुच्छेद २४६क : १.(माल और सेवा कर के संबंध में विशेष उपबंध : १) अनुच्छेद २४६ और अनुच्छेद २५४ में किसी बात के होते हुए भी, संसद् को, और खंड (२) के अधीन रहते हुए प्रत्येक राज्य के विधान-मंडल को, संघ द्वारा…

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Constitution अनुच्छेद २४५ : संसद् द्वारा और राज्यों के विधान-मंडलों द्वारा बनाई गई विधियों का विस्तार ।

भारत का संविधान भाग ११ : संघ और राज्यों के बीच संबंध : अध्याय १ : विधायी संबंध : विधायी शक्तियों का वितरण : अनुच्छेद २४५ : संसद् द्वारा और राज्यों के विधान-मंडलों द्वारा बनाई गई विधियों का विस्तार । १) इस संविधान के उपबंधों…

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Constitution अनुच्छेद २४४क : असम के कुछ जनजाति क्षेत्रों को समाविष्ट करने वाला एक स्वशासी राज्य बनाना और उसके लिए स्थानीय विधान-मंडल या मंत्रिपरिषद् का या दोनों का सृजन ।

भारत का संविधान अनुच्छेद २४४क : १.(असम के कुछ जनजाति क्षेत्रों को समाविष्ट करने वाला एक स्वशासी राज्य बनाना और उसके लिए स्थानीय विधान-मंडल या मंत्रिपरिषद् का या दोनों का सृजन । १)इस संविधान में किसी बात के होते हुए भी, संसद् विधि द्वारा असम…

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Constitution अनुच्छेद २४४ : अनुसूचित क्षेत्रों और जनजाति क्षेत्रों का प्रशासन।

भारत का संविधान भाग १० : अनुसूचित और जनजाति क्षेत्र : अनुच्छेद २४४ : अनुसूचित क्षेत्रों और जनजाति क्षेत्रों का प्रशासन। १)पांचर्वी अनुसूची के उपबंध १.(असम , २.(३.(मेघालय, त्रिपूरा और मिजोरम) राज्यों ) से भिन्न ४.(***) किसी राज्य के अनुसूचित क्षेत्रों और अनुसूचित जनजातियों के…

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Constitution अनुच्छेद २४३ यन : विद्यमान विधियों का जारी रहना ।

भारत का संविधान अनुच्छेद २४३ यन : विद्यमान विधियों का जारी रहना । इस भाग में किसी बात के होते हुए भी, संविधान ( सतानवेवां संशोधन) अधिनियम, २०११ के प्रारंभ से ठीक पूर्व किसी राज्य में प्रवृत्त सहकारी सोसाइटियों से संबंधित किसी विधि का कोई…

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Constitution अनुच्छेद २४३ यध : संघ राज्यक्षेत्रों को लागू होना ।

भारत का संविधान अनुच्छेद २४३ यध : संघ राज्यक्षेत्रों को लागू होना । इस भाग के उपबंध, संघ राज्यक्षेत्रों को लागू होंगे और ऐसे संघ राज्यक्षेत्र को, जिसकी कोई विधान सभा नहीं है, उसी प्रकार लागू होंगे मानो किसी राज्य के विधान-मंडल के प्रतिनिर्देश, अनुच्छेद…

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Constitution अनुच्छेद २४३ यद : बहुराज्य सहकारी सोसाइटियों को लागू होना ।

भारत का संविधान अनुच्छेद २४३ यद : बहुराज्य सहकारी सोसाइटियों को लागू होना । इस भाग के उपबंध, बहुराज्य सहाकारी सोसाइटियों को इस उपांतरण के अधीन रहते हुए लागू होंगे कि राज्य का विधान-मंडल ,राज्य अधिनियम या राज्य सरकार के प्रति किसी निर्देश का वही…

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Constitution अनुच्छेद २४३ यथ : अपराध और शास्तियां।

भारत का संविधान अनुच्छेद २४३ यथ : अपराध और शास्तियां। १) किसी राज्य का विधान- मंडल, विधि द्वारा, सहकारी सोसाइटियों से संबंधित अपराधों और ऐसे अपराधों के लिए शास्तियों से संबंधित उपबंध कर सकेगा । २)खंड (१) के अधीन किसी राज्य के विधान-मंडल द्वारा बनाई…

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