Constitution अनुच्छेद ३७ : इस भाग में अंतर्विष्ट तत्वों का लागू होना ।

भारत का संविधान अनुच्छेद ३७ : इस भाग में अंतर्विष्ट तत्वों का लागू होना । इस भाग में अंतर्विष्ट उपबंध किसी न्यायालय द्वारा प्रवर्तनीय नहीं होंगे किन्तु फिर भी इनमें अधिकथित तत्व देश के शासन में मूलभूत हैं और विधि बनाने में इन तत्वों को…

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Constitution अनुच्छेद ३५ : इस भाग के उपबंधों को प्रभावी करने के लिए विधान ।

भारत का संविधान अनुच्छेद ३५ : इस भाग के उपबंधों को प्रभावी करने के लिए विधान । इस संविधान में किसी बात के होते हुए भी, - क) संसद् को शक्ति होगी और किसी राज्य के विधान- मंडल को शक्ति नहीं होगी कि वह -…

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Constitution अनुच्छेद ३४ : जब किसी क्षेत्र में सेना विधि प्रवृत्त है तब इस भाग द्वारा प्रदत्त अधिकारों पर निर्बन्धन ।

भारत का संविधान अनुच्छेद ३४ : जब किसी क्षेत्र में सेना विधि प्रवृत्त है तब इस भाग द्वारा प्रदत्त अधिकारों पर निर्बन्धन । इस भाग के पूर्वगामी उपबंधों में किसी बात के होते हुए भी, संसद् विधि द्वारा संघ या किसी राज्य की सेवा में…

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Constitution अनुच्छेद ३३ : इस भाग द्वारा प्रदत्त अधिकारों का, बलों आदि को लागू होने में, उपांतरण करने की संसद् की शक्ति ।

भारत का संविधान अनुच्छेद ३३ : १.(इस भाग द्वारा प्रदत्त अधिकारों का, बलों आदि को लागू होने में, उपांतरण करने की संसद् की शक्ति । संसद्, विधि द्वारा, अवधारण कर सकेगी कि इस भाग द्वारा प्रदत्त अधिकारों में से कोई ,- क) सशस्त्र बलों के…

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Constitution अनुच्छेद ३२ : इस भाग द्वारा प्रदत्त अधिकारों को प्रवर्तित कराने के लिए उपचार ।

भारत का संविधान सांविधानिक उपचारों का अधिकार : अनुच्छेद ३२ : इस भाग द्वारा प्रदत्त अधिकारों को प्रवर्तित कराने के लिए उपचार । १) इस भाग द्वारा प्रदत्त अधिकारों को प्रवर्तित कराने के लिए समुचित कार्यवाहियों द्वारा उच्चतम न्यायालय में समावेदन करने का अधिकार प्रत्याभूत…

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Constitution अुनच्छेद ३१-ग : कुछ निदेशक तत्त्वों को प्रभावी करने वाली विधियों की व्यावृत्ति ।

भारत का संविधान अुनच्छेद ३१-ग : १.(कुछ निदेशक तत्त्वों को प्रभावी करने वाली विधियों की व्यावृत्ति । अनुच्छेद १३ में किसी बात के होते हुए भी, कोई विधि, जो २. (भाग ४ में अधिकथित सभी या किन्हीं तत्त्वों ) को सुनिश्चित करने के लिए राज्य…

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Constitution अनुच्छेद ३१-ख : कुछ अधिनियमों और विनियमों का विधिमान्यकरण ।

भारत का संविधान अनुच्छेद ३१-ख : १.(कुछ अधिनियमों और विनियमों का विधिमान्यकरण । अनुच्छेद ३१ क में अंतर्विष्ट उपबंधो की व्यापकता पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना, नौर्वी अनुसूची में विनिर्दिष्ट अधिनियमों और विनियमों में से और उनके उपबंधों में से कोई इस आधार पर शून्य…

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Constitution अनुच्छेद ३१-क : संपदाओं आदि के अर्जन के लिए उपबंध करने वाली विधियों की व्यावृत्ति।

भारत का संविधान १.(कुछ विधियों की व्यावृत्ति : २.(अनुच्छेद :३१-क : संपदाओं आदि के अर्जन के लिए उपबंध करने वाली विधियों की व्यावृत्ति। ३(( १) अुनच्छेद १३ में अंतर्विष्ट किसी बात के होते हुए भी, - क) किसी संपदा के या उसमें किन्हीं अधिकारों के…

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Constitution अनुच्छेद ३० : शिक्षा संस्थाओं की स्थापना और प्रशासन करने का अल्पसंख्यक-वर्गो का अधिकार।

भारत का संविधान अनुच्छेद ३० : शिक्षा संस्थाओं की स्थापना और प्रशासन करने का अल्पसंख्यक-वर्गो का अधिकार। १)धर्म या भाषा पर आधारित सभी अल्पसंख्यक - वर्गों को अपनी रूचि की शिक्षा संस्थाओं की स्थापना और प्रशासन का अधिकार होगा। १.(१क) खंड (१) में निर्दिष्ट किसी…

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Constitution अनुच्छेद २९ : अल्पसंख्यंक- वर्गो के हितों का संरक्षण।

भारत का संविधान सस्कृति और शिक्षा संबंधी अधिकार : अनुच्छेद २९ : अल्पसंख्यंक- वर्गो के हितों का संरक्षण। १) भारत के राज्यक्षेत्र या उसके किसी भाग के निवासी नागरिकों के किसी अनुभाग को, जिसकी अपनी विशेष भाषा, लिपि या संस्कृति है, उसे बनाए रखने का…

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Constitution अनुच्छेद २८ : कुछ शिक्षा संस्थाओं में धार्मिक शिक्षा या धार्मिक उपासना में उपस्थित होने के बारे में स्वतंत्रता ।

भारत का संविधान अनुच्छेद २८ : कुछ शिक्षा संस्थाओं में धार्मिक शिक्षा या धार्मिक उपासना में उपस्थित होने के बारे में स्वतंत्रता । १)राज्य-निधि से पूर्णत: पोषित किसी शिक्षा संस्था को लागू नहीं दी जाएगी । २)खंड (१) की कोई बात ऐसी शिक्षा संस्था को…

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Constitution अनुच्छेद २७ : किसी विशिष्ट धर्म की अभिवृध्दि के लिए करों के संदाय के बारे में स्वतंत्रता ।

भारत का संविधान अनुच्छेद २७ : किसी विशिष्ट धर्म की अभिवृध्दि के लिए करों के संदाय के बारे में स्वतंत्रता । किसी भी व्यक्ति को ऐसे करों का संदाय करने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा जिनके आगम किसी विशिष्ट धर्म या धार्मिक संप्रदाय की…

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Constitution अनुच्छेद २६ : धार्मिक कार्यो के प्रबंध की स्वतंत्रता ।

भारत का संविधान अनुच्छेद २६ : धार्मिक कार्यो के प्रबंध की स्वतंत्रता । लोक व्यवस्था, सदाचार और स्वास्थ्य के अधीन रहते हुए, प्रत्येक धार्मिक संप्रदाय या उसके किसी अनुभाग को - क) धार्मिक और पूर्त प्रयोजनों के लिए संस्थाओं की स्थापना और पोषण का, ख)…

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Constitution अनुच्छेद २५ : अंत:करण की और धर्म के अबाध रूप से मानने, आचरण और प्रचार करने की स्वतंत्रता ।

भारत का संविधान धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार : अनुच्छेद २५ : अंत:करण की और धर्म के अबाध रूप से मानने, आचरण और प्रचार करने की स्वतंत्रता । १) लोक व्यवस्था, सदाचार और स्वास्थ्य तथा इस भाग के अन्य उपबंधों के अधीन रहते हुए, सभी…

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Constitution अनुच्छेद २४ : कारखानों आदि में बालकों के नियोजन का प्रतिषेध।

भारत का संविधान अनुच्छेद २४ : कारखानों आदि में बालकों के नियोजन का प्रतिषेध। चौदह वर्ष से कम आयु के किसी बालक को किसी कारखाने या खान में काम करने के लिए नियोजित नहीं किया जाएगा या किसी अन्य परिसंकटमय नियोजन में नहीं लगाया जाएगा…

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Constitution अनुच्छेद २३ : मानव के दुरर्व्यापार और बलात्श्रम का प्रतिषेध ।

भारत का संविधान शोषण के विरूध्द अधिकार : अनुच्छेद २३ : मानव के दुरर्व्यापार और बलात्श्रम का प्रतिषेध । १) मानव का दुरर्व्यापार और बेगार तथा इसी प्रकार का अन्य बलात्श्रम प्रतिषिध्द किया जाता है और इस उपबंध का कोई भी उल्लंघन अपराध होगा जो…

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Constitution अनुच्छेद २२ : कुछ दशाओं में गिरफ्तारी और निरोध से संरक्षण ।

भारत का संविधान अनुच्छेद २२ : कुछ दशाओं में गिरफ्तारी और निरोध से संरक्षण । १)किसी व्यक्ति को जो गिरफ्तार किया गया है, ऐसी गिरफ्तारी के कारणों से यथाशीघ्र अवगत कराए बिना अभिरक्षा में निरूध्द नहीं रखा जाएगा या अपनी रूचि के विधि व्यवसायी से…

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Constitution अनुच्छेद २१-क : १.(शिक्षा का अधिकार ।

भारत का संविधान अनुच्छेद २१-क : १.(शिक्षा का अधिकार । राज्य, छह वर्ष से चौदह वर्ष तक की आयु वाले सभी बालकों के लिए नि:शुल्क और अनिर्वाय शिक्षा देने का ऐसी रीति में, जो राज्य विधि द्वारा, अवधारित करे, उपबंध करेगा ।) ----------- १. संविधान…

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Constitution अनुच्छेद २१ : प्राण और दैहिक स्वतंत्रता का संरक्षण ।

भारत का संविधान अनुच्छेद २१ : प्राण और दैहिक स्वतंत्रता का संरक्षण । किसी व्यक्ति को उसके प्राण या दैहिक स्वतंत्रता से विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया के अनुसार ही वंचित किया जाएगा, अन्यथा नहीं ।

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Constitution अनुच्छेद २०: अपराधों के लिए दोषसिध्दि के संबंध में संरक्षण ।

भारत का संविधान अनुच्छेद २०: अपराधों के लिए दोषसिध्दि के संबंध में संरक्षण । १) कोई व्यक्ति किसी अपराध के लिए तब तक सिध्ददोष नहीं ठहराया जाएगा, जब तक कि उसने ऐसा कोई कार्य करने के समय, जो अपराध के रूप में आरोपित है, किसी…

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