Constitution अनुच्छेद ५२ : भारत का राष्ट्रपति ।

भारत का संविधान भाग ५ : संघ : अध्याय १ : कार्यपालिका : राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति । अनुच्छेद ५२ : भारत का राष्ट्रपति । भारत का एक राष्ट्रपति होगा ।

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Constitution अनुच्छेद ५१-क : मूल कर्तव्य ।

भारत का संविधान १.भाग ४-क : मूल कर्तव्य : अनुच्छेद ५१-क : मूल कर्तव्य । भारत के प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य होगा कि वह - क) संविधान का पालन करे और उसके आदशों, संस्थाओं, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्रगान का आदर करे; ख) स्वतंत्रता के…

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Constitution अनुच्छेद ५१ : अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा की अभिवृध्दि ।

भारत का संविधान अनुच्छेद ५१ : अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा की अभिवृध्दि । राज्य- क)अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा की अभिवृध्दि के, ख) राष्ट्रों के बीच न्यायसंगत और सम्मानपूर्ण संबंधों को बनाए रखने का, ग) संगठित लोगों के एक दूसरे से व्यवहारों में अंतर्राष्ट्रीय विधि और…

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Constitution अनुच्छेद ५० : कार्यपालिका से न्यायपालिका का पृथक्करण ।

भारत का संविधान अनुच्छेद ५० : कार्यपालिका से न्यायपालिका का पृथक्करण । राज्य की लोक सेवाओं में, न्यायपालिका को कार्यपालिका से पृथक् करने के लिए राज्य कदम उठाएगा ।

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Constitution अनुच्छेद ४९ : राष्ट्रीय महत्व के संस्मारकों, स्थानों और वस्तुओं का संरक्षण ।

भारत का संविधान अनुच्छेद ४९ : राष्ट्रीय महत्व के संस्मारकों, स्थानों और वस्तुओं का संरक्षण । १.(संसद् द्वारा बनाई गई विधि द्वारा या उसके अधीन) राष्ट्रीय महत्व वाले १.(घोषित किए गए) कलात्मक या ऐतिहासिक अभिरूचि वाले प्रत्येक संस्मारक या स्थान या वस्तु का, यथास्थित, लुंठन,…

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Constitution अनुच्छेद ४८-क : पर्यावरण का संरक्षण तथा संवर्धन और वन तथा वन्यजीवों की रक्षा ।

भारत का संविधान अनुच्छेद ४८-क : १.(पर्यावरण का संरक्षण तथा संवर्धन और वन तथा वन्यजीवों की रक्षा । राज्य, देश के पर्यावरण के संरक्षण तथा संवर्धन का और वन वन्यजीवों की रक्षा करने का प्रयास करेगा ।) --------------- १.संविधान (बयालीसवां संशोधन) अधिनियम, १९७६ की धारा…

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Constitution अनुच्छेद ४८ : कृषि और पशुपालन का संगठन ।

भारत का संविधान अनुच्छेद ४८ : कृषि और पशुपालन का संगठन । राज्य, कृषि और पशुपालन को आधुनिक और वैज्ञानिक प्रणालियों से संगठित करने का प्रयास करेगा और विशिष्टतया गायों और बछडों तथा अन्य दुधारू और वाहक पशुओं की नस्लों के परिरक्षण और सुधार के…

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Constitution अनुच्छेद ४७ : पोषाहार स्तर और जीवन स्तर को ऊंचा करने तथा लोक स्वास्थ्य का सुधार करने का राज्य का कर्तव्य ।

भारत का संविधान अनुच्छेद ४७ : पोषाहार स्तर और जीवन स्तर को ऊंचा करने तथा लोक स्वास्थ्य का सुधार करने का राज्य का कर्तव्य । राज्य, अपने लोगों के पोषाहार स्तर और जीवन स्तर को ऊंचा करने और लोक स्वास्थ्य के सुधार को अपने प्राथमिक…

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Constitution अनुच्छेद ४६ : अनुसूचित जातियों अनुसूचित जनजातियों और अन्य दुर्बल वर्गो के शिक्षा और अर्थ संबंधी हितों की अभिवृध्दि ।

भारत का संविधान अनुच्छेद ४६ : अनुसूचित जातियों अनुसूचित जनजातियों और अन्य दुर्बल वर्गो के शिक्षा और अर्थ संबंधी हितों की अभिवृध्दि । राज्य, जनता के दुर्बल वर्गो के, विशिष्टतया, अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के शिक्षा और अर्थ संबंधी हितों की विशेष सावधानी से…

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Constitution अनुच्छेद ४५ : छह वर्ष से कम आयु के बालकों के लिए प्रारंभिक बाल्यावस्था देख-रेख और शिक्षा का उपबंध ।

भारत का संविधान अनुच्छेद ४५ : १.(छह वर्ष से कम आयु के बालकों के लिए प्रारंभिक बाल्यावस्था देख-रेख और शिक्षा का उपबंध । राज्य, सभी बालकों के लिए छह वर्ष की आयु पूरी करने तक, प्रारंभिक बाल्यवस्था देख- रेख और शिक्षा देने के लिए उपबंध…

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Constitution अनुच्छेद ४४ : नागरिकों के लिए एक समान सिविल संहिता ।

भारत का संविधान अनुच्छेद ४४ : नागरिकों के लिए एक समान सिविल संहिता । राज्य, भारत के समस्त राज्यक्षेत्र में नागरिकों के लिए एकसमान सिविल संहिता प्राप्त कराने का प्रयास करेगा ।

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Constitution अनुच्छेद ४३-ख : सहकारी सोसाइटियों का संवर्धन ।

भारत का संविधान अनुच्छेद ४३-ख : १.(सहकारी सोसाइटियों का संवर्धन । राज्य, सहकारी सोसाइटियों की स्वैच्छिक विरचना, उनके स्वशासी कार्यकरण, लोकतांत्रिक नियंत्रण और वृत्तिक प्रबंधन का संवर्धन करने का प्रयास करेगा ।) -------------- १.संविधान (सतानवेवां संशोधन) अधिनियम, २०११ की धारा ३ द्वारा (१५-२-२०१२ से) अंत:स्थापित…

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Constitution अनुच्छेद ४३-क : उद्योगों के प्रबंध में कर्मकारों का भाग लेना ।

भारत का संविधान अनुच्छेद ४३-क : १.(उद्योगों के प्रबंध में कर्मकारों का भाग लेना । राज्य, किसी उद्योग में लगे हुए उपक्रमों, स्थापनों या अन्य संगठनों के प्रबंध में कर्मकारों का भाग लेना सुनिश्चित करने के लिए उपयुक्त विधान द्वारा या किसी अन्य रीति से…

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Constitution अनुच्छेद ४३ : कर्मकारों के लिए निर्वाह मजदूरी आदि ।

भारत का संविधान अनुच्छेद ४३ : कर्मकारों के लिए निर्वाह मजदूरी आदि । राज्य, उपयुक्त विधान या आर्थिक संगठन द्वारा या किसी अन्य रीति से कृषि के, उद्योग के या अन्य प्रकार के सभी कर्मकारों को काम, निर्वांह मजदूरी, शिष्ट जीवनस्तर और अवकाश का संपूर्ण…

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Constitution अनुच्छेद ४२ : काम की न्यायसंगत और मानवोचित दशाओं का तथा प्रसूति सहायता का उपबंध।

भारत का संविधान अनुच्छेद ४२ : काम की न्यायसंगत और मानवोचित दशाओं का तथा प्रसूति सहायता का उपबंध। राज्य काम की न्यायसंगत और मानवोचित दशाओं को सुनिश्चित करने के लिए और प्रसूति सहायता के लिए उपबंध करेगा।

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Constitution अनुच्छेद ४१ : कुछ दशाओं में काम, शिक्षा और लोक सहायता पाने का अधिकार ।

भारत का संविधान अनुच्छेद ४१ : कुछ दशाओं में काम, शिक्षा और लोक सहायता पाने का अधिकार । राज्य अपनी आर्थिक सामथ्र्य और विकास की सीमाओं के भीतर, काम पाने के, शिक्षा पाने और बेकारी, बुढापा, बीमारी और नि:शक्तता तथा अन्य अनर्ह अभाव की दशाओं…

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Constitution अनुच्छेद ४०: ग्राम पंचायतों का संगठन ।

भारत का संविधान अनुच्छेद ४०: ग्राम पंचायतों का संगठन । राज्य ग्राम पंचायतों का संगठन करने के लिए कदम उठाएगा और उनको ऐसी शक्तियां और प्राधिकार प्रदान करेगा जो उन्हें स्वायत्त शासन की इकाइयों के रूप में कार्य करने योग्य बनाने के लिए आवश्यक हों…

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Constitution अनुच्छेद ३९-क : समान न्याय और नि:शुल्क विधिक सहायता ।

भारत का संविधान अनुच्छेद ३९-क : १.(समान न्याय और नि:शुल्क विधिक सहायता । राज्य यह सुनिश्चित करेगा कि विधिक तंत्र इस प्रकार काम करे कि समान अवसर के आधार पर न्याय सुलभ हो और वह, विशिष्टतया, यह सुनिश्चित करने के लिए कि आर्थिक या किसी…

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Constitution अनुच्छेद ३९ : राज्य द्वारा अनुसरणीय कुछ नीति तत्व ।

भारत का संविधान अनुच्छेद ३९ : राज्य द्वारा अनुसरणीय कुछ नीति तत्व । राज्य अपनी नीति का, विशिष्टतया, इस प्रकार संचालन करेगा कि सुनिश्चित रूप से - क) पुरूष और स्त्री सभी नागरिकों को समान रूप से जीविका के पर्याप्त साधन प्राप्त करने का अधिकार…

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Constitution अनुच्छेद ३८ : राज्य लोक कल्याण की अभिवृध्दि के लिए सामाजिक व्यवस्था बनाएगा ।

भारत का संविधान अनुच्छेद ३८: राज्य लोक कल्याण की अभिवृध्दि के लिए सामाजिक व्यवस्था बनाएगा । १.((१) राज्य ऐसी सामाजिक व्यवस्था की, जिसमें सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक न्याय राष्ट्रीय जीवन की सभी संस्थाओं को अनुप्राणित करे, भरसक प्रभावी रूप में स्थापना और संरक्षण करके लोक…

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