Bsa धारा २२ : उत्प्रेरणा, धमकी, जबरदस्ती (दबाव) या वचन द्वारा कराई गई संस्वीकृति दाण्डिक कार्यवाही में कब विसंगत होती है :

भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३ धारा २२ : उत्प्रेरणा, धमकी, जबरदस्ती (दबाव) या वचन द्वारा कराई गई संस्वीकृति दाण्डिक कार्यवाही में कब विसंगत होती है : अभियुक्त व्यक्ति द्वारा की गई संस्वीकृति दाण्डिक कार्यवाही में विसंगत होती है, यदि उसके किए जाने के बारे में न्यायालय…

Continue ReadingBsa धारा २२ : उत्प्रेरणा, धमकी, जबरदस्ती (दबाव) या वचन द्वारा कराई गई संस्वीकृति दाण्डिक कार्यवाही में कब विसंगत होती है :

Bsa धारा २१ : सिविल मामलों में स्वीकृतियाँ कब सुसंगत होती है :

भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३ धारा २१ : सिविल मामलों में स्वीकृतियाँ कब सुसंगत होती है : सिविल मामलों में कोई भी स्वीकृति सुसंगत नहीं है, यदि वह या तो इस अभिव्यक्त शर्त पर की गई हो कि उसका साक्ष्य नहीं दिया जाएगा या ऐसी परिस्थितियाँ…

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Bsa धारा २० : दस्तावेजों की अन्तर्वस्तु के बारे में मौखिक स्वीकृतियाँ कब सुसंगत होती है :

भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३ धारा २० : दस्तावेजों की अन्तर्वस्तु के बारे में मौखिक स्वीकृतियाँ कब सुसंगत होती है : किसी दस्तावेज की अन्तर्वस्तु के बारे में मौखिक स्वीकृतियाँ तब तक सुसंगत नहीं होती, यदि और जब तक उन्हें साबित करने की प्रस्थापना करने वाला…

Continue ReadingBsa धारा २० : दस्तावेजों की अन्तर्वस्तु के बारे में मौखिक स्वीकृतियाँ कब सुसंगत होती है :

Bsa धारा १९ : स्वीकृतियों का उन्हें करने वाले व्यक्तियों के विरुद्ध और उनके द्वारा या उनकी और से साबित किया जाना :

भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३ धारा १९ : स्वीकृतियों का उन्हें करने वाले व्यक्तियों के विरुद्ध और उनके द्वारा या उनकी और से साबित किया जाना : स्वीकृतियाँ उन्हें करने वाले व्यक्ति के या उसके हित प्रतिनिधि के विरुद्ध सुसंगत है और साबित की जा सकेगी,…

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Bsa धारा १८ : वाद के पक्षकार द्वारा अभिव्यक्त रुप से निर्दिष्ट व्यक्तियों द्वारा स्वीकृतियाँ :

भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३ धारा १८ : वाद के पक्षकार द्वारा अभिव्यक्त रुप से निर्दिष्ट व्यक्तियों द्वारा स्वीकृतियाँ : वे कथन, जो उन व्यक्तियों द्वारा किए गए है जिनको वाद के किसी पक्षकार ने किसी विवादग्रस्त विषय के बारे में जानकारी के लिए अभिव्यक्त रुप…

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Bsa धारा १७ : उन व्यक्तियों द्वारा स्वीकृतियाँ जिनकी स्थिति वाद के प्रक्षकारां के विरुद्ध साबित की जानी चाहिए :

भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३ धारा १७ : उन व्यक्तियों द्वारा स्वीकृतियाँ जिनकी स्थिति वाद के प्रक्षकारां के विरुद्ध साबित की जानी चाहिए : वे कथन, जो उन व्यक्तियों द्वारा किए गए है जिनकी वाद के किसी पक्षकार के विरुद्ध स्थिति या दायित्व साबित करना आवश्यक…

Continue ReadingBsa धारा १७ : उन व्यक्तियों द्वारा स्वीकृतियाँ जिनकी स्थिति वाद के प्रक्षकारां के विरुद्ध साबित की जानी चाहिए :

Bsa धारा १६ : स्वीकृति – कार्यवाही के पक्षकार या उसके अभिकर्ता द्वारा :

भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३ धारा १६ : स्वीकृति - कार्यवाही के पक्षकार या उसके अभिकर्ता द्वारा : १) वे कथन स्वीकृतियाँ है, जिन्हें कार्यवाही के किसी पक्षकार ने किया हो, या ऐसे किसी पक्षकार के ऐसे किसी अभिकर्ता ने किया हो जिसे मामले की परिस्थितियों…

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Bsa धारा १५ : स्वीकृती की परिभाषा :

भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३ स्वीकृतियाँ : धारा १५ : स्वीकृती की परिभाषा : स्वीकृति वह मौखिक या दस्तावेजी अथवा इलेक्ट्रॉनिक रुप में अन्तर्विष्ट कथन है, जो किसी विवाद्यक तथ्य या सुसंगत तथ्य के बारे में कोई अनुमान इंगित करता है और जो ऐसे व्यक्तियों में…

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Bsa धारा १४ : कारबार के अनुक्रम का अस्तित्व कब सुसंगत है :

भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३ धारा १४ : कारबार के अनुक्रम का अस्तित्व कब सुसंगत है : जबकि प्रश्न यह है कि क्या कोई विशिष्ट कार्य किया गया था, तब कारबार के ऐसे किसी भी अनुक्रम का अस्तित्व, जिसके अनुसार वह कार्य स्वभावत: किया जाता, सुसंगत…

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Bsa धारा १३ : कार्य आकस्मिक या साशय था इस प्रश्न पर प्रकाश डालने वाला तथ्य :

भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३ धारा १३ : कार्य आकस्मिक या साशय था इस प्रश्न पर प्रकाश डालने वाला तथ्य : जबकि प्रश्न यह है कि कार्य आकस्मिक या साशय था या किसी विशिष्ट ज्ञान या आशय से किया गया था, तब यह तथ्य कि ऐसा…

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