Rti act 2005 धारा १० : पृथक्करणीयता :

सूचना का अधिकार अधिनियम २००५
धारा १० :
पृथक्करणीयता :
१) जहां सूचना तक पहुंच के अनुरोध को इस आधार पर अस्वीकार किया जाता है कि वह ऐसी सूचना के संबंध में है, जो प्रकट किए जाने से छूट प्राप्त है, वहां इस अधिनियम में किसी बात के होते हुए भी, पहुंच अभिलेख के उस भाग तक उपलब्ध कराई जा सकेगी जिसमें कोई ऐसी सूचना अन्तर्विष्ट नहीं है, जो इस अधिनियम के अधीन प्रकट किए जाने से छूट प्राप्त है और जो किसी ऐसे भाग से, जिसमें छूट प्राप्त सूचना अन्तर्विष्ट है, युक्तियुक्त रुप से पृथक्त की जा सकती है ।
२) जहां उपधारा (१) के अधीन अभिलेख के किसी भाग तक पहुंच अनुदत्त की जाती है, वहां, यथास्थिति, केन्द्रीय लोक सूचना अधिकारी या राज्य लोक सूचना अधिकारी निम्नलिखित सूचना देते हुए, आवेदक को एक सूचना देगा कि –
(a)क) अनुरोध किए गए अभिलेख के किसी भाग ही, उस अभिलेख से उस सूचना को जो प्रकटन से छूट प्राप्त है पृथक्त करने के पश्चात्, उपलब्ध कराया जा रहा है;
(b)ख) विनिश्चय के लिए कारण, जिनके अंतर्गत तथ्य के किसी महत्वपूर्ण प्रश्न पर उस सामग्री के प्रति, जिस पर वे निष्कर्ष आधारित थे, निर्देश करते हुए कोई निष्कर्ष भी है;
(c)ग) विनिश्चय करने वाले व्यक्ति का नाम और पदनाम;
(d)घ) उसके द्वारा संगणित फीस के ब्यौरे और फीस की वह रकम जिसकी आवेदक से निक्षेप करने की अपेक्षा की जाती है; और
(e)ङ) सूचना के भाग को प्रकट न किए जाने के संबंध में विनिश्चय के पुनर्विलोकन के बारे में उसके अधिकार, प्रभारित फीस की रकम या उपलब्ध कराया गया पहुंच का प्ररुप, जिसके अन्तर्गत, यथास्थिति, धारा १९ की उपधारा (१) के अधीन विनिर्दिष्ट वरिष्ठ अधिकारी या केन्द्रीय सूचना अधिकारी या राज्य सूचना अधिकारी की विशिष्टियां, समय-सीमा, प्रक्रिया और कोई अन्य पहुंच का प्ररुप भी है ।

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