घरेलू हिंसा अधिनियम २००५
धारा ३४ :
संरक्षण अधिकारी द्वारा किए गए अपराध का संज्ञान :
संरक्षण अधिकारी के विरुद्ध कोई अभियोजन या अन्य विधिक कार्यवाही तब तक नहीं होगी जब तक राज्य सरकार या इस निमित्त उसके द्वारा प्राधिकृत किसी अधिकारी की पूर्व मंजूरी से कोई परिवाद फाइल नहीं किया जाता है।