Pwdva act 2005 धारा २ : परिभाषाएं :

घरेलू हिंसा अधिनियम २००५
धारा २ :
परिभाषाएं :
१) इस अधिनियम में, जब तक कि संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो, –
(a) क) व्यथित व्यक्ति से कोई ऐसी महिला अभिप्रेत है जो प्रत्यर्थी की घरेलू नातेदारी में है या रही है और जिसका अभिकथन है कि वह प्रत्यर्थी द्वारा किसी घरेलू हिंसा का शिकार रही है ;
(b) ख) बालक से कोई ऐसा व्यक्ति अभिप्रेत है जो अठारह वर्ष से कम आयु का है और जिसके अंतर्गत कोई दत्तक, सौतेला या पोषित बालक है;
(c) ग) प्रतिकर आदेश से धारा २२ के निबंधनों के अनुसार अनुदत्त कोई आदेश अभिप्रते हैे;
(d) घ) अभिरक्षा आदेश से धारा २१ के निबंधनों के अनुसार अनुदत्त कोई आदेश अभिप्रेत है;
(e) ङ) घरेलू घटना रिपोर्ट से ऐसी रिपोर्ट अभिप्रेत है जो, किसी व्यथित व्यक्ति से घरेलू हिंसा की किसी शिकायत की प्राप्ति पर, विहित प्ररुप में तैयार की गई हो;
(f) च) घरेलू नातेदारी से ऐसे दो व्यक्तियों के बीच नातेदारी अभिप्रेत है, जो साझी गृहस्थी में एक साथ रहते हैं या किसी समय एक साथ रह चुके हैं, जब वे, समरक्तता, विवाह द्वारा या विवाह, दत्तक ग्रहण की प्रकृति की किसी नातेदारी द्वारा संबंधित हैं या एक अविभक्त कुटुंब के रुप में एक साथ रहने वाले कुटुम्ब के सदस्य है;
(g) छ) घरेलू हिंसा का वही अर्थ है जो उसका धारा ३ में है;
(h) ज) दहेज का वही अर्थ होगा, जो दहेज प्रतिषेध अधिनियम १९६१ (१९६१ का २८) की धारा २ में है;
(i) झ) मजिस्ट्रेट से उस क्षेत्र पर, जिसमें व्यथित व्यक्ति अस्थायी रुप से या अन्यथा निवास करता है या जिसमें प्रत्यर्थी निवास करता है या जिसमें घरेलू हिंसा का होना अभिकथित किया गया है, दंड प्रक्रिया संहिता १९७३ (१९७४ का २) के अधीन अधिकारिता का प्रयोग करने वाला, यथास्थिति, प्रथम वर्ग न्यायिक मजिस्ट्रेट या महानगर मजिस्ट्रेट अभिप्रेत है;
(j) ञ) चिकित्सीय सुविधा से ऐसी सुविधा अभिप्रेत है जो इस अधिनियम के प्रयाजनों के लिए, राज्य सरकार द्वारा चिकित्सीय सुविधा अधिसूचित की जाए;
(k) ट) धनीय अनुतोष से ऐसा प्रतिकर अभिप्रेत है जिसके लिए कोई मजिस्ट्रेट घरेलू हिंसा के परिणामस्वरुप व्यथित व्यक्ति द्वारा उपगत व्ययों और सहन की गई हानियों को पूरा करने के लिए, इस अधिनियम के अधीन किसी अनुतोष की ईप्सा करने वाले आवेदन की सुनवाई के दौरान, किसी प्रक्रम पर, व्यथित व्यक्ति को संदाय करने के लिए, प्रत्यर्थी को आदेश दे सकेगा;
(l) ठ) अधिसूचना से राजपत्र में प्रकाशित कोई अधिसूचना अभिप्रेत है और अधिसूचित पद का तदनुसार अर्थ लगाया जाएगा;
(m) ड) विहित से इस अधिनियम के अधीन बनाए गए नियमों द्वार विहित अभिप्रते है;
(n) ढ) संरक्षण अधिकारी से धारा ८ की उपधारा (१) के अधीन राज्य सरकार द्वारा नियुक्त कोई अधिकारी अभिप्रेत है;
(o) ण) संरक्षण आदेश से धारा १८ के निबंधनों के अनुसार किया गया कोई आदेश अभिप्रेत है;
(p) त) निवास आदेश से धारा १९ की उपधारा (१) के निबंधनों के अनुसार दिया गया कोई आदेश अभिप्रेत है;
(q) थ) प्रत्यर्थी से कोई वयस्क पुरुष अभिप्रेत है जो व्यथित व्यक्ति की घरेलू नातेदारी में है या रहा है और जिसके विरुद्ध व्यथित व्यक्ति ने, इस अधिनियम के अधीन कोई अनुतोष चाहा है :
परंतु यह कि कोई व्यथित पत्नी या विवाह की प्रकृति की किसी नातेदारी में रहने वाली कोई महिला भी पति या पुरुष भागीदार के किसी नातेदार के विरुद्ध शिकायत फाइल कर सकेगी;
(r) द) सेवा प्रदाता से धारा १० की उपधारा (१) के अधीन रजिस्ट्रीकृत कोई अस्तित्व अभिप्रेत है;
(s) ध) साझी गृहस्थी से ऐसी गृहस्थी अभिप्रेत है, जहां व्यथित व्यक्ति रहता है या किसी घरेलू नातेदारी में या तो अकेले या प्रत्यर्थी के साथ किसी प्रक्रम पर रह चुका है, और जिसके अंतर्गत ऐसी गृहस्थी भी है जो चाहे उस व्यथित व्यक्ति और प्रत्यर्थी के संयुक्त: स्वामित्व या किरायेदारी में है, या उनमें से किसी के स्वामित्व या किरायेदारी में है, जिसके संबंध में या तो व्यथित व्यक्ति या प्रत्यर्थी या दोनों संयुक्त रुप से या अकेले, कोई अधिकार, हक, हित या साम्या रखते है और जिसके अंतर्गत ऐसी गृहस्थी भी है जो ऐसे अविभक्त कुटुंब का अंग हो सकती है जिसका प्रत्यर्थी, इस बात पर ध्यान दिए बिना कि प्रत्यर्थी या व्यथित व्यक्ति का उस गृहस्थी में कोई अधिकार, हक या हित है, एक सदस्य है;
(t) न) आश्रय गृह से ऐसा कोई आश्रय गृह अभिप्रेत है, जिसको इस अधिनियम के प्रयोजनों के लिए राज्य सरकार द्वारा एक आश्रय गृह के रुप में, अधिसूचित किया जाए ।

Leave a Reply