Pwdva act 2005 धारा १२ : मजिस्ट्रेट को आवेदन :

घरेलू हिंसा अधिनियम २००५
अध्याय ४ :
अनुतोषों के आदेश अभिप्राप्त करने के लिए प्रक्रिया :
धारा १२ :
मजिस्ट्रेट को आवेदन :
१) कोई व्यथित व्यक्ति या संरक्षण अधिकारी या व्यथित व्यक्ति की ओर से कोई अन्य व्यक्ति, इस अधिनियम के अधीन एक या अधिक अनुतोष प्राप्त करने के लिए मजिस्ट्रेट को आवेदन प्रस्तुत कर सकेगा :
परन्तु मजिस्ट्रेट, ऐसे आवेदन पर कोई आदेश पारित करने से पहले, किसी संरक्षण अधिकारी या सेवा प्रदाता से उसके द्वारा प्राप्त, किसी घरेलू हिंसा की रिपोर्ट पर विचार करेगा ।
२) उपधारा (१) के अधीन ईप्सित किसी अनुतोष में वह अनुतोष भी सम्मिलित हो सकेगा जिसके लिए किसी प्रत्यर्थी द्वारा की गई घरेलू हिंसा के कार्यो द्वारा कारित की गई क्षतियों के लिए प्रतिकर या नुकसान के लिए वाद संस्थित करने के ऐसे व्यक्ति के अधिकार पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना, किसी प्रतिकर या नुकसान के संदाय के लिए कोई आदेश जारी किया जाता है :
परन्तु जहां किसी न्यायालय द्वारा, प्रतिकर या नुकसानी के रुप में किसी रकम के लिए, व्यथित व्यक्ति के पक्ष में कोई डिक्री पारित की गई है यदि इस अधिनियम के अधीन, मजिस्ट्रेट द्वारा किए गए किसी आदेश के अनुसरण में कोई रकम संदत्त की गई है या संदेय है तो ऐसी डिक्री के अधीन संदेय रकम के विरुद्ध मुजरा होगी और सिविल प्रक्रिया संहिता १९०८ (१९०८ का ५) में या तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि में किसी बात के होते हुए भी,वह डिक्री, इस प्रकार मुजरा किए जाने के पश्चात् अतिशेष रकम के लिए, यदि कोई हो, निष्पादित की जाएगी ।
३) उपधारा (१) के अधीन प्रत्येक आवेदन, ऐसे प्ररुप में और ऐसी विशिष्टियां जो विहित की जाएं या यथासंभव उसके निकटतम रुप में अंतर्विष्ट होगा ।
४) मजिस्ट्रेट, सुनवाई की पहली तारीख नियत करेगा जो न्यायालय द्वारा आवेदन की प्राप्ति की तारीख से सामान्यत: तीन दिन से अधिक नहीं होगी ।
५) मजिस्ट्रेट, उपधारा (१) के अधीन दिए गए प्रत्येक आवेदन का, प्रथम सुनवाई की तारीख से साठ दिन की अवधि के भीतर निपटारा करने का प्रयास करेगा ।

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