Posh act 2013
अध्याय ४ :
परिवाद :
धारा ९ :
लैंगिक उत्पीडन का परिवाद :
१) कोई व्यथित महिला, कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीडन का लिखित में परिवाद आंतरिक समिति को, यदि इस प्रकार गठित की गई है या यदि इस प्रकार गठित नहीं की गई है तो स्थानीय समिति को, घटना की तारीख से तीन माह की कालावधि के भीतर और घटनाओं की श्रृंखला होने की दशा में अन्तिम घटना की तारीख से तीन माह की कालावधि के भीतर और घटनाओं की श्रृंखला होने की दशा में अन्तिम घटना की तारीख से तीन माह की कालावधि के भीतर, कर सकेगी :
परंतु जहां ऐसा परिवाद लिखित में नहीं किया जा सकता है, वहां यथास्थिति, आंतरिक समिति का पीठासीन अधिकारी या कोई सदस्य, अथवा स्थानीय समिति का अध्यक्ष या कोई सदस्य, महिला को लिखित में परिवाद करने के लिए सभी युक्तियुक्त सहायता प्रदान करेगा :
परंतु यहा कि यथास्थिति, आंतरिक समिति या स्थानीय समिति, लिखित में अभिलिखित किये जाने वाले कारणों के लिये, समयावधि को तीन माह से अनधिक के लिये विस्तारित कर सकेगी, यदि उसका यह समाधान हो जाता है कि परिस्थितियाँ ऐसी थीं जिन्होंने उक्त कालावधि के भीतर परिवाद फाइल करने से महिला को निवारित कर दिया था।
२) जहां व्यथित महिला, अपनी शारीरिक या मानसिक असामथ्र्य या मृत्यु के कारण या अन्यथा परिवाद करने में असमर्थ है तो उसका विधिक वारिस या ऐसा अन्य व्यक्ति, जो विहित किया जाए, इस धारा के अधीन परिवाद कर सकेगा।