लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम २०१२
धारा ६ :
१.(गुरूतर प्रवेशन लैंगिक हमले के लिए दंड :
१) जो कोई गुरुत्तर प्रवेशन लैंगिक हमला करेगा, वह कठिन कारावास से, जिसकी अवधि बीस वर्ष से कम की नहीं होगी, किन्तु जो आजीवन कारावास, जिसका अभिप्राय उस व्यक्ति के शेष प्राकृत जीवनकाल के लिए कारावास होगा, तक की हो सकेगी, दंडित किया जाएगा और जुर्माने का भी दायी होगा या मृत्यु से दंडित किया जाएगा ।
२) उपधारा (१) के अधीन अधिरोपित जुर्माना न्यायोचित और युक्तियुक्त होगा और उसका संदाय, पीडित के चिकित्सा व्ययों और पुनर्वास की पूर्ति के लिए ऐसे पीडित को किया जाएगा ।)
———-
१. २०१९ का अधिनियम २५ की धारा ५ द्वारा धारा ६ प्रतिस्थापित ।
