Pocso act 2012 धारा ४५ : नियम बनाने की शक्ति।

लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम २०१२
धारा ४५ :
नियम बनाने की शक्ति।
१) केंन्द्रीय सरकार इस अधिनियम के प्रयोजनों को कार्यान्वित करने के लिए राजपत्र में अधिसूचना द्वारा नियम बना सकेगी।
२) विशिष्टतया और पूर्वगामी शक्ति की व्यापकता पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना ऐसे नियम निम्नलिखित सभी या किन्हीं विषयों के लिए उपबंध कर सकेंगे, अर्थात-
१.(क) धारा १५ की उपधारा (१) के अधीन किसी बालक को सम्मिलित करने वाली किसी भी रुप में अश्लील सामग्री को मिटाने या नष्ट करने या अभिहित प्राधिकारी को रिपोट करने की रीती;
कक) धारा १५ की उपधारा (२) के अधीन किसी बालक को सम्मिलित करने वाली किसी भी रुप में अश्लील सामग्री के बारे में रिपोर्ट करने की रीती;)
२.(कख)) धारा १९ की उपधारा (४), धारा २६ की उपधारा (२) और उपधारा (३) तथा धारा ३८ के अधीन किसी अनुवादक या दुभाषिए, किसी विशेष शिक्षक या बालक से संपर्क करने की रीति से सुपरिचित किसी व्यक्ति या उस क्षेत्र के किसी विशेषज्ञ की अर्हताएं और अनुभव तथा संदेय फीस;
ख) धारा १९ की उपधारा (५) के अधीन बालक की देखभाल और संरक्षण तथा आपात चिकित्सीय उपचार;
ग) धारा ३३ की उपधारा (८) के अधीन प्रतिकर का संदाय;
घ) धारा ४४ की उपधारा (१) के अधीन अधिनियम के उपबंधों की आवधिक मानीटरी की रीति।
३) इस धारा के अधीन बनाया गया प्रत्येक नियम बनाए जाने के पश्चात् यथाशीघ्र संसद् के प्रत्येक सदन के समक्ष जब वह सत्र में हो, कुल तीस दिन की अवधि के लिए रखा जाएगा। यह अवधि एक सत्र में अथवा दो या अधिक आनुक्रमिक सत्रों में पूरी हो सकेगी। यदि उस सत्र के या पूर्वोक्त आनुक्रमिक सत्रों के ठीक बाद के सत्र के अवसान के पूर्व दोनों सदन उस नियम में कोई परिवर्तन करने के लिए सहमत हो जाएं तो तत्पश्चात् वह ऐसे परिवर्तित रूप में ही प्रभावी होगा। यदि उक्त अवसान के पूर्व दोनों सदन सहमत हो जाएं कि वह नियम नहीं बनाया जाना चाहिए तो तत्पश्चात् वह निष्प्रभाव हो जाएगा किन्तु नियम के ऐसे परिवर्तित या निष्प्रभाव होने से उसके अधीन पहले की गई किसी बात की विधिमान्यता पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं प‹डेगा।
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१. २०१९ का २५ की धारा ११ द्वारा अंतस्थापित ।
२. २०१९ का २५ की धारा ११ द्वारा खंड (क) को खंड (कख) के रुप में पुन: अक्षरांकित किया गया ।

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