मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम १९९३
धारा ३५ :
राज्य आयोग के लेखा और संपरीक्षा :
(१) राज्य आयोग, उचित लेखा और अन्य सुसंगत अभिलेख रखेगा और लेखाओं का वार्षिक विवरण, ऐसे प्ररूप में तैयार करेगा जो राज्य सरकार, भारत के नियंत्रक-महालेखापरीक्षक से परामर्श करके, विहित करे।
(२) राज्य आयोग के लेखाओं की संपरीक्षा, नियंत्रक-महालेखापरीक्षक द्वारा ऐसे अंतरालों पर की जाएगी जो उसके द्वारा विनिर्दिष्ट किए जाएं और ऐसी परीक्षा के संबंध में उपगत कोई व्यय, राज्य आयोग द्वारा नियंत्रक-महालेखापरीक्षक को संदेय होगा।
(३) नियंत्रक-महालेखापरीक्षक के और इस अधिनियम के अधीन राज्य आयोग के लेखाओं की संपरीक्षा के संबंध में उसके द्वारा नियुक्त किसी व्यक्ति के उस परीक्षा के संबंध में वे ही अधिकार और विशेषाधिकार तथा प्राधिकार होंगे जो नियंत्रक-महालेखापरीक्षक के साधारणतया सरकारी लेखाओं की संपरीक्षा के संबंध में होते हैं और विशिष्टतया उसे बहियां, लेखे, संबंधित वाउचर तथा अन्य
दस्तावेज और कागज-पत्र पेश किए जाने की मांग करने और राज्य आयोग के किसी भी कार्यालय का निरीक्षण करने का अधिकार होगा।
(४) नियंत्रक-महोलखापरीक्षक द्वारा या इस निमित्त उसके द्वारा नियुक्त किसी अन्य व्यक्ति द्वारा प्रमाणित राज्य आयोग के लेखे, उन पर संपरीक्षा रिपोर्ट सहित, राज्य आयोग द्वारा, राज्य सरकार को प्रतिवर्ष भेजे जांएगे और राज्य सरकार, ऐसी संपरीक्षा रिपोर्ट को, उसके प्राप्त होने के पश्चात यथाशीघ्र राज्य विधान मंडल के समक्ष रखवाएगी।