Pca act 1988 धारा १० : वाणिज्यिक संगठन के भारसाधक व्यक्ति का अपराध का दोषी होना :

भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम १९८८
धारा १० :
१.(वाणिज्यिक संगठन के भारसाधक व्यक्ति का अपराध का दोषी होना :
जहां धारा ९ के अधीन कोई अपराध किसी वाणिज्यिक संगठन द्वारा किया जाता है, और न्यायालय में ऐसे अपराध का वाणिज्यिक संगठन के किसी निदेशक, प्रबंधक, सचिव या अन्य अधिकारी की सहमति या मौनानकुलता से किया जाना साबित हो जाता है, वहां ऐसा निदेशक, प्रबंधक, सचिव या अन्य अधिकारी अपने विरुद्ध कार्यवाही किए जाने का दायी होगा तथा कारावास से दंडनीय होगा, जिसकी अवधि तीन वर्ष से कम की नहीं होगी किन्तु सात वर्ष तक की हो सकेगी और जुर्माने का भी दायी होगा ।
स्पष्टीकरण :
इस धारा के प्रयोजनों के लिए, किसी फर्म के संबंध में निदेशक से फर्म का कोई भागीदार अभिप्रेत है ।)
———–
१. सन २०१८ का अधिनियम क्रमांक १६ की धारा ४ द्वारा धारा ७, ८, ९ और १० के स्थान पर प्रतिस्थापित ।
इस से पूर्व धारा निम्नलिखित नुसार थी ।
————-
धारा १० :
लोक सेवक द्वारा धारा ८ या धारा ९ में परिभाषित अपराधों के दुष्प्रेरण के लिए दंड :
जो कोई ऐसा लोक सेवक होते हुए, जिसके बारे में उन अपराधों में से कोई अपराध किया जाए, जो धारा ८ या धारा ९ में परिभाषित हैं, उस अपराध का दुष्प्रेरण करेगा, चाहे वह अपराध ऐसे दुष्प्रेरण के परिणमस्वरूप किया गया हो या नहीं, वह कारावास से, जिसकी अवधि छह मास से कम नहीं होगी किंतु पांच वर्ष तक की हो सकेगी, और जुर्माने से भी, दंडित किया जाएगा ।

Leave a Reply