Pca act 1960 धारा ३८ : नियम बनाने की शक्ति :

पशुओं के प्रति क्रूरता का निवारण अधिनियम १९६०
धारा ३८ :
नियम बनाने की शक्ति :
(१) केन्द्रीय सरकार इस अधिनियम के प्रयोजनों को कार्यान्वित करने के लिए नियम, राजपत्र में अधिसूचना द्वारा, और पूर्व प्रकाशन की शर्त के अधीन रहते हुए, बना सकेगी।
(२) विशिष्टतया और पूर्वगामी शक्ति की व्यापकता पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना, केन्द्रीय सरकार निम्नलिखित सभी या किन्हीं भी विषयों का उपबंध करने के लिए नियम बना सकेगी, अर्थात :-
(a)(क) बोर्ड के सदस्यों की सेवा १.(की शर्तें), उन्हें संदेह भत्ते और वह रीति जिससे वे अपनी शक्तियों का प्रयोग और अपने कृत्यों का निर्वहन कर सकेंगे;
(aa)२.(कक) वह रीति जिससे नगर निगमों का प्रतिनिधित्व करने वाले व्यक्तियों का धारा ५ की उपधारा (१) के खण्ड (ङ) के अधीन निर्वाचन किया जाना है।)
(b)(ख) किसी पशु द्वारा ले जाया या ढोया जाने वाला अधिकतम भार (जिसमें उस पर सवारी करने वालों का भार भी सम्मिलित है)
(c)(ग) पशुओं के अतिभरण की रोकथाम के लिए पालन की जाने वाली शर्ते;
(d)(घ) वह अवधि जिसके दौरान और वे घंटे, जिनके बीच किसी भी वर्ग के पशुओं को भार ढोने के लिए प्रयुक्त नहीं किया जाएगा;
(e)(ङ) किसी लगाम के दहाने या जुए का ऐसा प्रयोग प्रतिषिद्ध करना जिससे कि पशुओं के प्रति क्रूरता होती हो;
(ea)२.(ङक) धारा ११ की उपधारा (३) के खण्ड (ख) में निर्दिष्ट आवारा कुत्तों के नष्ट किए जाने की अन्य पद्धतियां;
(eb)(ङख) वे पद्धतियां जिनसे ऐसे पशु को, जिसे बिना क्रूरता के नहीं हटाया जा सकता है, धारा १३ की उपधारा (३) के अधीन नष्ट किया जा सकेगा;)
(f)(च) नालबंदी का कारबार करने वाले व्यक्तियों के लिए अनुज्ञप्ति और रजिस्ट्रीकरण की ऐसे प्राधिकारी द्वारा अपेक्षा करना जो विहित किया जाए, और उस प्रयोजन के लिए फीस उद्गृहीत करना;
(g)(छ) विक्री या निर्यात के प्रयोजनों के लिए या किसी अन्य प्रयोजन के लिए पशुओं को पकड़ने के सम्बन्ध में बरती जाने वाली पूर्वावधानी, तथा वे विभिन्न उपकरण और युक्तियां, जिनका ही उस प्रयोजन के लिए उपयोग किया जा सकेगा; और इस प्रकार पकड़े जाने के लिए अनुज्ञप्ति तथा ऐसी अनुज्ञप्तियों के लिए फीस का उद्ग्रहण;
(h)(ज) रेल, सडक़, अन्तर्देशीय जलमार्ग, समुद्र या वायु द्वारा पशुओं के परिवहन के सम्बन्ध में बरती जाने वाली पूर्वावधानी और वह रीति जिससे तथा वे पिंजरे या अन्य पात्र, जिनमें उनका इस प्रकार परिवहन किया जा सकेगा।
(i)(झ) उन परिसरों के स्वामियों या भारसाधक व्यक्तियों से, जिनमें पशु रखे जाते हैं या दहे जाते हैं, ऐसे परिसरों को रजिस्टर करवाने की, परिसरों की चहारदीवारियों या चारों ओर के वातावरण के सम्बन्ध में निर्धारित शर्तों का अनुपालन करने की, यह अभिनिश्चित करने के प्रयोजन के लिए कि क्या उनमें इस अधिनियम के अधीन कोई अपराध किया गया है या किया जा रहा है उनका निरीक्षण करने देने की, और ऐसे परिसरों में इस अधिनियम की धारा १२ की प्रतियां उस भाषा या उन भाषाओं में, जो उस क्षेत्र में सामान्यत: समझी जाती हों, प्रदर्शित करने की, अपेक्षा करना;
(j)(ञ) वह प्ररूप जिसमें अध्याय ५ के अधीन रजिस्ट्रीकरण के लिए आवेदन किए जा सकेंगे, वे विशिष्टियां जो उसमें अन्तीष्ट होंगी, ऐसे रजिस्ट्रीकरण के लिए संदेय फीस और वे प्राधिकारी जिन्हें ऐसे आवेदन किए जा सकेंगे;
(ja)२.(ञक) वे फीसें जो उन व्यक्तियों या संस्थाओं के रजिस्ट्रीकरण के लिए, जो पशुओं पर प्रयोग कर रहे हैं, या किसी अन्य प्रयोजन के लिए, धारा १५ के अधीन गठित समिति द्वारा प्रभारित की जा सकेंगी;)
(k)(ट) वे प्रयोजन, जिनके लिए इस अधिनियम के अधीन वसूल किए गए जुर्माने उपयोजित किए जा सकेंगे, और इन प्रयोजनों के अन्तर्गत रुग्णावासों, पिंजरापोलों और पशु चिकित्सा के अस्पतालों का बनाए रखना जैसे प्रयोजन भी हैं;
(l)(ठ) कोई अन्य विषय जो विहित किया जाना है या विहित किया जाए।
(३) यदि कोई व्यक्ति इस धारा के अधीन बनाए गए किसी नियम का उल्लंघन करेगा या उल्लंघन का दुष्प्रेरण करेगा तो वह जुर्माने से, जो एक सौ रुपए तक का हो सकेगा, या कारावास से, जिसकी अवधि तीन मास तक की हो सकेगी, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।
३.(***)
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१.१९८२ के अधिनियम सं० २६ की धारा १६ द्वारा के निबंधन और शर्ते के स्थान पर प्रतिस्थापित।
२.१९८२ के अधिनियम सं० २६ की धारा १६ द्वारा अंत:स्थापित ।
३.१९८२ के अधिनियम सं० २६ की धारा १६ द्वारा उपधारा (४) का लोप किया गया।

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