राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम १९८०
धारा १४क :
१.(वे परिस्थितियां जिनमें व्यक्तियों को सलाहकार बोडों की राय प्राप्त किए बिना, तीन मास से अधिक अवधि के लिए निरोध में रखा जा सकेगा :
(१) इस अधिनियम के पूर्वगामी उपबंधों में, या किसी न्यायालय या अन्य प्राधिकारी के किसी निर्णय, डिक्री या आदेश में, किसी बात के होते हुए भी, उस व्यक्ति को, जिसके संंबंध में २.(८ जून, १९८९) से पहले किसी समय इस अधिनियम के अधीन कोई निरोध आदेश किया गया है, सलाहकार बोर्ड की राय प्राप्त किए बिना, उसके निरोध की तारीख से तीन मास से अधिक किन्तु छह मास से अनधिक की अवधि के लिए उस दशा में निरोध में रखा जा सकेगा जब ऐसे व्यक्ति की किसी विक्षुब्ध क्षेत्र में,-
(एक) आतंकवादी और विध्वंसक क्रियाकलापों से निपटने में सरकार के प्रयासों में हस्तक्षेप करने से ; और
(दो)(a) (क) भारत की रक्षा; या
(b)(ख) भारत की सुरक्षा; या
(c)(ग) राज्य की सुरक्षा; या
(d)(घ) लोक व्यवस्था बनाए रखने; या
(e)(ङ) समुदाय के लिए आवश्यक प्रदायों सेवाओं को बनाए रखने,
पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाली रीति से कार्य करने से निवारित करने की दृष्टि से निरुद्ध किया गया है।
स्पष्टीकरण १ :
धारा ३ की उपधारा (२) के स्पष्टीकरण के उपबंध इस उपधारा के प्रयोजनों के लिए उसी प्रकार लागू होंगे जैसे वे उस उपधारा के प्रयोजनों के लिए लागू होते हैं।
स्पष्टीकरण २ :
इस उपधारा में, विक्षुब्ध क्षेत्र से ऐसा क्षेत्र अभिप्रेत है जो पंजाब विक्षुब्ध क्षेत्र अधिनियम, १९८३ (१९८३ का ३२) की धारा ३ के अधीन या चंडीगढ़ विक्षुब्ध क्षेत्र अधिनियम, १९८३ ( १९८३ का ३३) की धारा ३ के अधीन, अधिसूचना द्वारा, तत्समय विक्षुब्ध क्षेत्र घोषित किया जाता है।
स्पष्टीकरण ३ :
इस उपधारा में, आतंकवादी और विध्वंसक क्रियाकलाप से आतंकवादी और विध्वंसक क्रियाकलाप (निवारण) अध्यादेश, १९८७ (१९८७ का २) के अर्थ में आतंकवादी कार्य और विध्वंसक क्रियाकलाप अभिप्रेत हैं।
(२) ऐसे किसी व्यक्ति की दशा में जिसे उपधारा (१) लागू होती है, धारा ३, धारा ८ और धारा १० से धारा १४ तक, निम्नलिखित उपान्तरणों के अधीन रहते हुए, प्रभावी होंगी, अर्थात:-
(a)(क) धारा ३ में,-
(एक) उपधारा (४) के परंतुक में,-
(A)(अ) दस दिन शब्दों के स्थान पर, पन्द्रह दिन शब्द रखे जाएंगे,
(B)(आ) पन्द्रह दिन शब्दों के स्थान पर, बीस दिन शब्द रखे जाएंगे;
(दो) उपधारा (५) में, सात दिन शब्दों के स्थान पर, पन्द्रह दिन शब्द रखे जाएंगे;
(b)(ख) धारा ८ की उपधारा (१) में, दस दिन शब्दों के स्थान पर, पन्द्रह दिन शब्द रखे जाएंगे;
(c)(ग) धारा १० में, तीन सप्ताह के भीतर शब्दों के स्थान पर, चार मास और दो सप्ताह के भीतर शब्द रखे जाएंगे;
(d)(घ) धारा ११ में, –
(एक) उपधारा (१) में, सात सप्ताह के भीतर शब्दों के स्थान पर, पांच मास और तीन सप्ताह शब्द रखे जाएंगे;
(दो) उपधारा (२) में, संबद्ध व्यक्ति के निरोध शब्दों के स्थान पर, संबद्ध व्यक्ति के निरंतर निरोध शब्द रखे जाएंगे;
(e)(ङ) धारा १२ में, निरोध के लिए शब्दों के स्थान पर, उन दो स्थानों पर, जहां वे आते हैं, निरंतर निरोध के लिए शब्द रखे जाएंग ;
(f)(च) धारा १३ में, बारह मास शब्दों के स्थान पर, दो वर्ष शब्द रखे जाएंगे;
(g)(छ) धारा १४ की उपधारा (२) के परंतुक में बारह मास शब्दों के स्थान पर, दो वर्ष शब्द रखे जाएंगे।)
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१.१९८७ के अधिनियम सं० २७ की धारा ३ द्वारा (९-६-१९८७ से) अंत:स्थापित ।
२.१९८८ के अधिनियम सं० ४३ की धारा २ द्वारा (२६-५-१९८८ से) प्रतिस्थापित ।