Ndps act धारा ९ : अनुज्ञा देने, नियंत्रण और विनियमन करने की केन्द्रीय सरकार की शक्ति :

स्वापक औषधि और मन:प्रभावी पदार्थ अधिनियम १९८५
धारा ९ :
अनुज्ञा देने, नियंत्रण और विनियमन करने की केन्द्रीय सरकार की शक्ति :
१) धारा ८ के उपबन्धों के अधीन रहते हुए, केन्द्रीय सरकार, नियमों द्वारा –
क) निम्नलिखित के लिए अनुज्ञा दे सकेगी और उनका विनियमन कर सकेगी –
एक) कोका के पौधे की खेती या उसके किसी भाग का संग्रह (जब ऐसी खेती या संग्रह केवल केन्द्रीय सरकार के लिए ही हो) या कोका की पत्तियों का उत्पादन, कब्जा, विक्रय, क्रय, परिवहन, अन्तरराज्यिक आयात, अन्तरराज्यिक निर्यात, उपयोग या उपभोग;
दो) अफीम पोस्त की खेती (जब ऐसी खेती केन्द्रीय सरकार के लिए ही हो);
तीन) अफीम का उत्पादन और विनिर्माण तथा पोस्त तृण का उत्पादन;
१.(तीन-क) ऐसे पौधों से, जिनसे चीरा लगाकर रस नहीं निकाला गया है, उत्पादित पोस्त तृण का कब्जा रखने, परिवहन, अन्तरराज्यिक आयात, अन्तरराज्यिक निर्यात, भांडागारण, विक्रय, क्रय, उपभोग और उपयोग;)
चार) भारत से निर्यात या राज्य सरकारों या विनिर्माण करने वाले रसायनज्ञों को विक्रय के लिए केन्द्रीय सरकार के कारखानों से अफीम और अफीम के व्युत्पादों का विक्रय;
पांच) विनिर्मित ओषधियों (निर्मित अफीम से भिन्न) का विनिर्माण किन्तु इसके अन्तर्गत ओषधीय अफीम या ऐसी सामग्री से, जिसका कब्जा रखने के लिए बनाने वाला विधिसम्मत रुप से हकदार है, विनिर्मित ओषधि अंतविष्ट करने वाली किसी निर्मिति का विनिर्माण नहीं है;
१.(पांच-क) आवश्यक स्वापक ओषधियों का विनिर्माण, कब्जा, परिवहन, अंतरराज्यिक आयात, अंतरराज्यिक निर्यात, विक्रय, क्रय, उपभोग और उपयोग :
परन्तु जहां किसी आवश्यक स्वापक ओषधि की बाबत, राज्य सरकार ने स्वापक ओषधि और मन:प्रभावी पदार्थ (संशोधन) अधिनियम, २०१४ के प्रारंभ से पूर्व धारा १० के उपबंधों के अधीन अनुज्ञप्ति या अनुज्ञापत्र दिया है, वहां ऐसी अनुज्ञप्ति या अनुज्ञापत्र, उसकी समाप्ति की तारीख तक या ऐसे प्रारंभ से बारह मास की अवधि तक, इनमें से जो भी पूर्वतर हो, विधिमान्य बना रहेगा;)
छह) मन:प्रभावी पदार्थों का विनिर्माण, कब्जा, परिवहन, अन्तरराज्यिक आयात, अन्तरराज्यिक निर्यात, विक्रय, क्रय, उपभोग या उपभोग;
सात) स्वापक ओषधियों और मन:प्रभावी पदार्थों का भारत में आयात और भारत से निर्यात तथा यानान्तरण;
ख) खण्ड (क) में विनिर्दिष्ट किसी विषय पर केन्द्रीय सरकार का प्रभावी नियंत्रण रखने के लिए अपेक्षित कोई अन्य विषय विहित कर सकेगी;
२) विशिष्टतया और पूर्वगामी शक्तियों की व्यापकता पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना, ऐसे नियम –
क) केन्द्रीय सरकार को, समय-समय पर, ऐसी सीमाएं नियत करने के लिए सशक्त कर सकेंगे जिनके अन्दर अफीम पोस्त की खेती के लिए अनुज्ञप्ति दी जा सकेगी;
ख) यह अपेक्षा कर सकेंगे कि सभी अफीम, ऐसी भूमि के सभी उत्पाद, जिस पर अफीम पोस्त की खेती की गई है, खेतिहरों द्वारा ऐसे अधिकारियों को परिदत्त किए जाएंगे जिन्हें केन्द्रीय सरकार इस निमित्त प्राधिकृत करे;
ग) अफीम पोस्त की खेती के लिए और अफीम के उत्पादन और विनिर्माण के लिए अनुज्ञप्तियों के प्ररुप और शर्तें, ऐसी फीसें जो उनके लिए प्रभारित की जा सकेंगी, ऐसे प्राधिकरण, जिनके द्वारा ऐसी अनुज्ञप्तियां अनुदत्त, प्रतिधारित, इंकार और रद्द की जा सकेगी और ऐसे प्रधिकरण जिनके समक्ष अनुज्ञप्तियों के प्रतिधारण, इंकार या रद्दकरण के आदेशों के विरुद्ध अपीलें की जा सकेंगी, विहित कर सकेंगे;
घ) यह विहित कर सकेंगे कि अफीम को उनकी क्वालिटी और गाढेपन के अनुसार ऐसे अधिकारियों द्वारा, जो केन्द्रीय सरकार द्वारा इस निमित्त प्राधिकृत किए जाएं, खेतिहर द्वारा परिदान के समय खेतिहर की उपस्थिति में तोला जाएगा, उसकी परीक्षा की जाएगी और उसका वर्गीकरण किया जाएगा;
ङ) केन्द्रीय सरकार को सशक्त कर सकेंगे कि वह परिदत्त की गई अफीम के लिए खेतिहर को संदत्त की जाने वाली कीमत समय-समय पर नियत करे;
च) कारखाने में प्राप्त अफीम या उसकी क्वालिटी और गाढेपन के अनुसार तौल, परिक्षा और वर्गीकरण के लिए तथा ऐसी परीक्षा के परिणाम के अनुसार मानक कीमत में की जाने वाली कटौतियों या परिवर्धनों (यदि कोई हो) के लिए;
और ऐसे प्राधिकरणों का, जिनके द्वारा तौल, परीक्षा, वर्गीकरण, कटौतियों, या परिवर्धनों के बारे में विनिश्चय किया जाएगा और ऐसे प्राधिकरणों का, जिनके समक्ष ऐसे विनिश्चय के विरुद्ध अपीलें की जाएंगी, उपबंध कर सकेंगे;
छह) यह अपेक्षा कर सकेंगे कि किसी खेतिहर द्वारा परिदत्त अफीम यदि केन्द्रीय सरकार के कारखाने की परीक्षा में परिणामस्वरुप अपमिश्रित पाई जाती है तो इस निमित्त प्राधिकृत अधिकारियों द्वारा अधिèहत की जा सकेगी;
ज) विनिर्मित ओषधियों के विनिर्माण के लिए अनुज्ञप्तियों के प्ररुप और शर्ते, ऐसे प्राधिकरण, जिनके द्वारा ऐसी अनुज्ञप्तियां दी जाएंगी और ऐसी फीसें, जो उनके लिए प्रभारित की जा सकेंगी, विहित कर सकेंगे;
१.(जक) आवश्यक स्वापक ओषधियों के विनिर्माण, कब्जे, परिवहन, अंतरराज्यिक आयात, अंतरराज्यिक निर्यात, विक्रय, क्रय, उपभोग और उपयोग के लिए अनुज्ञप्तियों या अनुज्ञापत्रों के प्ररुप और शर्तें, ऐसे प्राधिकारी, जिनके द्वारा ऐसी अनुज्ञप्ति या अनुज्ञापत्र दिया जा सकेगा और वह फीस, जो उसके लिए प्रभारित की जा सकेगी, विहित कर सकेंगे;)
झ) मन:प्रभावी पदार्थों के विनिर्माण, कब्जे, परिवहन, अन्तरराज्यिक आयात, अन्तरराज्यिक निर्यात, विक्रय, क्रय, उपभोग या उपयोग के लिए अनुज्ञप्तियों या अनुज्ञापत्रों के प्ररुप और शर्तें, वे प्राधिकरण, जिनके द्वारा ऐसी अनुज्ञप्तियां या अनुज्ञापत्र दिए जा सकेंगे तथा वे फीसें, जो उनके लिए प्रभारित की जा सकेंगी, विहित कर सकेंगे;
ञ) ऐसे पत्तन और अन्य स्थान, जिन पर किसी प्रकार की स्वापक ओषधियों या मन:प्रभावी पदार्थों का भारत में आयात या भारत से निर्यात या यानांतरण किया जा सकेगा; ऐसे आयात या निर्यात या यानांतरण के लिए, यथास्थिति, प्रमाणपत्र, प्राधिकारों या अनुज्ञापत्रों के प्ररुप और शर्ते, वे प्राधिकरण, जिनके द्वारा ऐसे प्रमाणपत्र, प्राधिकार या अनुज्ञापत्र दिए जा सकेंगे और वे फीस, जो उनके लिए प्रभारित की जा सकेंगी, विहित कर सकेंगे ।
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१. २०१४ के अधिनियम सं.१६ की धारा ४ द्वार अंत:स्थापित ।

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