स्वापक औषधि और मन:प्रभावी पदार्थ अधिनियम १९८५
धारा ६८-ग :
अवैध रुप से अर्जित सम्पत्ति धारण करने का प्रतिषेध :
१) इस अध्याय के प्रारंभ से, किसी ऐसे व्यक्ति के लिए, जिसे यह अध्याय लागू होता है, अवैध रुप से अर्जित किसी सम्पत्ति को स्वयं या अपनी ओर से किसी अन्य व्यक्ति के माध्यम् से धारण करना विधिपूर्ण नहीं होगा ।
२) जहां कोई व्यक्ति अवैध रुप से अर्जित कोई सम्पत्ति उपधारा (१) के उपबंधों के उल्लंघन में धारित करता है, वहां ऐसी सम्पत्ति इस अध्याय के उपबंधों के अनुसार केन्द्रीय सरकार को समपèहत हो जाएगी :
१.(परन्तु कोई भी सम्पत्ति इस अध्याय के अधीन उस दशा में समपèहत नहीं की जाएगी यदि ऐसी सम्पत्ति किसी ऐसे व्यक्ति द्वारा, जिसको यह अधिनियम लागू होता है, यथास्थिति, उस तारीख से जिसको इस अधिनियम के अधीन दण्डनीय अपराध करने के लिए गिरफ्तार किया गया था या उसके विरुद्ध गिरफ्तारी वारंट या प्राधिकार जारी किया गया है अथवा उस तारीख से जिसको निरोध आदेश जारी किया गया था, छह वर्ष की अवधि के पूर्व अर्जित की गई थी ।)
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१. २००१ के अधिनियम सं. ९ की धारा ३३ द्वारा प्रतिस्थापित ।
