Ndps act धारा ४ : स्वापक ओषधियों आदि के दुरुपयोग और अवैध व्यापार के निवारण और उसकी रोकथाम के लिए केन्द्रीय सरकार द्वारा अध्युपायों का किया जाना :

स्वापक औषधि और मन:प्रभावी पदार्थ अधिनियम १९८५
अध्याय २ :
प्राधिकरण और अधिकारी :
धारा ४ :
स्वापक ओषधियों आदि के दुरुपयोग और अवैध व्यापार के निवारण और उसकी रोकथाम के लिए केन्द्रीय सरकार द्वारा अध्युपायों का किया जाना :
१) इस अधिनियम के उपबन्धों के अधीन रहते हुए, केन्द्रीय सरकार स्वापक ओषधियों और मन:प्रभावी पदार्थों के दुरुपयोग तथा उनके अवैध व्यापार के निवारण और रोकथाम के प्रयोजनों के १.(और उनके चिकित्सीय और वैज्ञानिक उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए) ऐसे सभी अध्युपाय करेगी जो वह आवश्यक और समीचीन समझे ।
२) विशिष्टतया और उपधारा (१) के उपबन्धों की व्यापकता पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना, ऐसे अध्युपायों के अन्तर्गत जो केन्द्रीय सरकार इस उपधारा के अधीन करे, निम्नलिखित सभी या किन्हीं विषयों के संबंध में अध्युपाय है, अर्थात् :-
क) विभिन्न अधिकारियों, राज्य सरकारों और अन्य प्राधिकरणों द्वारा –
एक) इस अधिनियम के अधीन, या
दो) इस अधिनियम के उपबन्धों के प्रवर्तन के संबंध में तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि के अधीन, कार्रवाइयों का समन्वय;
ख) अन्तरराष्ट्रीय कन्वेंशनों के अधीन बाध्यताएं;
ग) स्वापक ओषधियों और मन:प्रभावी पदार्थों में अवैध व्यापार के निवारण और दमन के लिए समन्वय और सर्वव्यापी कार्रवाई को सुकर बनाने की दृष्टि से विदेशों से संबंधित प्राधिकरणों और संबंधित अन्तरराष्ट्रीय संगठनों की सहायता;
घ) व्यसनियों की पहचान, उपचार, शिक्षा, पश्चात्वर्ती देखरेख, पुनर्वास और समाज में पुन:मिलाना;
१.(घक) चिकित्सीय और वैज्ञानिक उपयोग के लिए स्वापक ओषधियों और मन:प्रभावी पदार्थों की उपलब्धता;)
ङ) ऐसे अन्य विषय, जो केन्द्रीय सरकार इस अधिनियम के उपबन्धों का प्रभावपूर्ण कार्यान्वयन सुनिश्चित करने तथा स्वापक ओषधियों और मन:प्रभावी पदार्थों के दुरुपयोग और उनके अवैध व्यापार के निवारण और रोकथाम के प्रयोगनों के लिए आवश्यक या समीचीन समझे ।
३) केन्द्रीय सरकार, यदि वह इस अधिनियम के प्रयोजनों के लिए ऐसा करना आवश्यक या समीचीन समझे तो राजपत्र में प्रकाशित आदेश द्वारा, इस अधिनियम के अधीन केन्द्रीय सरकार की ऐसी शक्तियों और कृत्यों का उपयोग करने के लिए और उपधारा (२) में निर्दिष्ट ऐसे विषयों के संबंध में अध्युपाय करने के लिए जो आदेश में विनिर्दिष्ट किए जाएं, तथा केन्द्रीय सरकार के पर्यवेक्षण और नियंत्रण तथा ऐसे आदेश के उपबन्धों के अधीन रहते हुए, ऐसे नाम या नामों से, जो आदेश में विनिर्दिष्ट किए जाएं, कोई प्राधिकरण या प्राधिकरणों का अधिक्रम गठित कर सकेगी और ऐसा या ऐसे प्राधिकरण आदेश में इस प्रकार वर्णित शक्तियों का प्रयोग और अध्युपाय कर सकेगा या कर सकेंगे मानो ऐसा या ऐसे प्राधिकरण उन शक्तियों का प्रयोग और ऐसे अध्युपाय करने के लिए इस अधिनियम द्वारा सशक्त किया गया या किए गए हो ।
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१.२०१४ के अधिनियम सं. १६ की धारा ३ द्वारा पुन: अक्षरांकित और अंत: स्थापित ।

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